लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज फैसला किया कि वह अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा के लिए एक पुनर्विचार याचिका दायर करेगा, जिसकी पुष्टि सचिव जफरयाब जिलानी ने की।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के बाद जब हिंदू समाज के पक्षकारों से जानना चाहा तो नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास जी ने 'वेबदुनिया' से बातचीत करते हुए कहा, देश का हिंदू हो या मुसलमान, अब आसानी से इन लोगों के कहने में आने वाला नहीं है। आप देखिएगा हमारे मुस्लिम भाई जल्द ही साबित कर देंगे कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सिर्फ और सिर्फ राजनीति करता है।
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुसलमानों की नुमाइंदगी का हक खो चुका है। जिस फैसले को हम सबने मान लिया है, अब अगर वह पूर्व याचिका डालने जा रहे हैं तो उसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि मुस्लिम भाइयों की भावना के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का रुख है और 9 दिन के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि अब आम मुसलमान फैसले को स्वीकार कर चुका है। पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों की सिर्फ यह खिसियाहट है और कुछ नहीं।
निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास ने कहा कि मुस्लिम भाइयों ने इस फैसले को स्वीकार लिया है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मुस्लिमों के नेतृत्व का दावा ऐसे लोग कर रहे हैं, जिनमें नेतृत्व का रंचमात्र गुण नहीं है।
गौरतलब है कि आज लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक कर यह निर्णय लिया है कि अयोध्या मुद्दे पर जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है, उसमें उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है जिसको लेकर वह पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।