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लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर नहीं बना तो कर लूंगा आत्मदाह

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संदीप श्रीवास्तव

अयोध्या। राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अनशन करने वाले महंत परमहंस दास लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में पांच दिनों के लगातार इलाज के बाद उत्तरप्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर वापस अयोध्या पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से मंदिर निर्माण शुरू नहीं हुआ तो मैं आत्मदाह कर लूंगा। 
 
बताते चलते हैं कि अयोध्या राम घाट स्थित तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास राम मंदिर निर्माण को लेकर पीएम मोदी को अयोध्या आने की मांग को लेकर एक अक्टूबर से आमरण अनशन कर रहे थे। इस दौरान शासन प्रशासन द्वारा लगातार अनशन को समाप्त कराने की कोशिशें की गईं। इसके लिए शासन से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना भी मान-मनौव्वल के अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन कोशिश सफल नहीं हो सकी। इसके बाद खराब स्वस्थ्य का हवाला देकर जबरन संत परमहंस दास को अनशन स्थल से उठाकर लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती करा दिया था, जहां उनका पांच दिनों तक इलाज चला। 
 
सीएम के अश्वासन के बाद तोड़ा अनशन : अयोध्या वापसी के बाद महंत परमहंस दास ने बताया कि अचानक अनशन से हमें बलपूर्वक लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। हमें मना करने के बावजूद बलपूर्वक दवा दी गई। कई दिनों के इलाज के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कराई गई। इस दौरान सीएम से वार्ता कर अपनी मांगों को लेकर पीएम मोदी से वार्ता कराने की बात कहीं है। इस अश्वासन पर अपने अनशन को तोड़ा है।
 
नहीं बना मंदिर तो कर लूंगा आत्मदाह : महंत दास ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से वार्ता के दौरान चुनाव आचार संहिता लगने से पहले राम मंदिर निर्माण की घोषणा करने की बात कही है। इसके लिए चाहे न्यायालय के फैसले के माध्यम से या देश में अध्यादेश लाकर घोषणा की जाए। अगर केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाएगी तो एक बार फिर महात्मा गांधी की राह पर चलकर देश में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। यदि उस पर भी सरकार नहीं मानेगी तो आत्मदाह कर लूंगा। लेकिन, हमें विश्वास है कि एक दिसंबर से पहले स्थिति साफ हो जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर बहुत से लोग राजनीति कर रहे हैं। इसके लिए बहुत से राम भक्तों का खून बह चुका है। इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग अब धर्म और आस्था के नाम पर खिलवाड़ न करें और सभी पार्टियां एकजुट होकर मंदिर का निर्माण कराएं और स्वच्छ राजनीति का प्रारंभ करें।
 

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