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Online gaming bill : ऑनलाइन गेमिंग बिल लोकसभा में पास, कौनसे गेम गैरकानूनी, पकड़े गए तो 1 करोड़ का जुर्माना और जेल, जानें विधेयक की खास बातें

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , बुधवार, 20 अगस्त 2025 (20:15 IST)
लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने एवं शैक्षणिक और सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक को पारित कर दिया तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि समाज में एक बहुत बड़ी बुराई आ रही है जिससे बचने के लिए इस विधेयक को लाया गया है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SRI) के मुद्दे पर विपक्ष के सांसदों के हंगामे के बीच ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को सदन में पारित कराने के लिए रखते हुए वैष्णव ने कहा कि ‘ऑनलाइन मनी गेम’ आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बन गया है और कई ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें इसकी लत लग जाती है तथा जिदंगी भर की बचत (ऑनलाइन) गेम में उड़ा देते हैं।
 
मंत्री ने कहा कि फ्रॉड और चीटिंग एल्गोरिद्म ऐसे होते हैं कि पता ही नहीं चलता कि कौन किसके साथ खेल रहा है। अस्पष्ट एल्गोरिद्म होते हैं। हार निश्चित होती है। वित्तीय नुकसान होते हैं। कई परिवार बर्बाद हो गए। आत्महत्याएं भी हुई हैं। सदन ने एसआईआर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की लगातार नारेबाजी के बीच बिना चर्चा के ध्वनिमत से ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया।
 
वैष्णव ने एक अंग्रेजी अखबार की कर्नाटक के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं इस तरह के मामलों में हुई हैं। वैष्णव ने कहा कि यह लगभग स्थापित हो गया है कि ऑनलाइन गेमिंग, मनी गेमिंग के कारण परिवारों पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। 
 
उन्होंने दावा किया कि ऑनलाइन गेमिंग से धन शोधन और आतंकवाद का वित्तपोषण भी हो रहा है। मंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) का हवाला देते हुए कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग को एक ‘डिसऑर्डर’ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ‘ई-स्पोर्ट्स’ और ‘ऑनलाइन सोशल गेमिंग’ को बढ़ावा देना चाहती है तथा इनके लिए प्राधिकरण बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गेम निर्माताओं को सहायता दी जाएगी।
 
मंत्री ने कहा कि जब समाज और सरकार के राजस्व के बारे में चिंता करनी होती है तो इन दोनों के बीच में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा मध्यम वर्गीय परिवार (के कल्याण) को ही चुना है। हमेशा समाज के फायदे को ही चुना है। कभी इससे समझौता नहीं किया है। और इस विधेयक में भी समाज के कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने ऑनलाइन गेमिंग का हवाला देते हुए कहा, ‘‘समाज में जो एक बहुत बड़ी बुराई आ रही है उससे बचने के लिए यह विधेयक लाया गया है।’’
 
इससे पहले, कई बार के स्थगन के बाद शाम पांच बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उक्त विधेयक के बारे में कहा कि इससे देश के अंदर एक अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हम देश के अंदर रोज आत्महत्याएं देखते हैं। परिवारों को बर्बाद होते देखते हैं।
 
अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सदन में ऑनलाइन गेमिंग का विषय माननीय सदस्यों ने कई बार उठाया है और प्रतिपक्ष के सभी सांसदों ने हमेशा मांग की है कि इस संबंध में एक कानून बनना चाहिए। उन्होंने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसमें सारा सदन एकमत है। इसलिए यह कानून लाया जा रहा है। आप चाहें तो इस विधेयक पर मैं 18 घंटे चर्चा कराऊंगा।’’
 
विधेयक की 3 खास बातें
ई-स्पोर्ट्स : यह कौशल, रणनीति और अभ्यास का खेल है, जैसे प्रोफेशनल क्रिकेट या शतरंज। सरकार इसका समर्थन करती है। 
सोशल गेम्स : ये मनोरंजन और सीखने के लिए खेले जाने वाले गेम हैं, जैसे लूडो या कोई पहेली वाला गेम। सरकार इन्हें भी बढ़ावा देना चाहती है। 
ऑनलाइन मनी गेम्स : यह तीसरा और सबसे खतरनाक प्रकार है. मंत्री ने कहा कि यह गेम लत, वित्तीय संकट और धोखाधड़ी को बढ़ावा दे रहे हैं. सरकार का असली निशाना यही हैं। 
 
विधेयक में ऑनलाइन ‘मनी गेमिंग’ या उसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान हैं और यह इन्हें पेश करने या विज्ञापन देने वालों के लिए कारावास या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान करता है। ऑनलाइन मनी गेम में कोई व्यक्ति अधिक पैसा पाने की चाह में धन लगाकर खेलता है। यह विधेयक सभी तरह की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ संबंधी गतिविधियों को प्रतिबंधित करता है। इनमें पोकर, रमी जैसे गेम शामिल हैं।
 
3 साल की कैद या 1 करोड़ रुपए का जुर्माना
संसद के दोनों सदनों द्वारा विधेयक पारित हो जाने के बाद ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर 3 वर्ष तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपए  तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। मनी गेम का विज्ञापन करने पर 2 साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। मनी गेम से संबंधित वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देने पर तीन साल तक की कैद और/या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बार-बार अपराध करने पर 3 से 5 साल तक की कैद और 2 करोड़ रुप' तक के जुर्माने सहित बढ़ी हुई सज़ा दी जा सकती है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि विधेयक में प्रमुख धाराओं के तहत अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने की मांग की गई है।
 
इस विधेयक में ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने, उसे विनियमित करने और इसके विकास तथा विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है। विधेयक में किसी कम्प्यूटर, मोबाइल उपकरण या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ‘मनी गेम’ के प्रस्ताव, संचालन, सरलीकरण, विज्ञापन, प्रचार और भागीदारी को निषिद्ध किया गया है, विशेषकर जहां ऐसे क्रियाकलाप राज्य की सीमाओं के पार या विदेश से संचालित होते हैं। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma

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