बेंगलुरु छेड़छाड़, पेट्रोल है तो आग लगेगी ही

Webdunia
मंगलवार, 3 जनवरी 2017 (20:26 IST)
नई दिल्ली। बेंगलुरु में नववर्ष की पूर्व संध्या 31 दिसंबर की रात महात्मा गांधी रोड और ब्रिगेड रोड पर हुई महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया, वहीं इस घटना के बाद आए नेताओं के बयानों ने तो मानवता पर ही कालिख पोत दी। 
 
जहां इस घटना को लेकर पूरे देश में नाराजी है वहीं कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि ऐसी बातें होती रहती हैं। उन्होंने पीड़ित महिलाओं पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग पश्चिम की नकल कर रहे हैं। इतन ही नहीं गृहमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा में पुलिस की नाकामी पर माफी मांगने से इनकार कर दिया।
 
उधर मुंबई में समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी ने कहा कि इस तरह की महिलाओं के आधुनिक पहनावे के कारण होती हैं। भाई या पति के बिना लड़की देर रात नया साल मनाने क्लब में जाएगी तो इसे सही कैसे ठहरा सकते हैं? ऐसे में उसकी सुरक्षा को लेकर खतरा तो होगा ही। आखिर गैर मर्द के साथ नया साल मनाने को कैसे सही कह सकते हैं? उन्होंने लड़कियों की तुलना शक्कर और पेट्रोल से करते हुए कहा कि जहां शक्कर होगी वहां चींटियां आएंगी और जहां पेट्रोल होगा वहां आग लगेगी ही।
 
दोषियों को मिले सजा : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजु ने नववर्ष जश्न के दौरान बेंगलुरु में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ पर कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर की टिप्पणी की आलोचना करते हुए दोषियों को सजा देने की मांग की। रिजिजु ने ट्वीट करके कहा कि मैं कर्नाटक के गृहमंत्री के गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी की निंदा करता हूं। शहर पुलिस को उन सभी अपराधियों को पकड़ना चाहिए जिनकी शिनाख्त हो गई है और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिए।
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इस बात की अनुमति नहीं दे सकते कि जीवंत शहर बेंगलुरु में सामूहिक छेड़छाड़ की शर्मनाक करतूत करने वाले बिना सजा के छूट जाएं। सभ्य समाज में महिलाओं की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए। मैं महिलाओं की शर्मनाक प्रताड़ना की निंदा करता हूं। यह सिर्फ कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा नहीं है। समूचे समाज को गिरती मानसिकता पर सोचना होगा।
 
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने परमेश्वर की टिप्पणी की निंदा की और उनके इस्तीफे की मांग की। मालीवाल ने ट्वीट करके कहा कि कर्नाटक के गृहमंत्री को उनकी असंवेदनशीलता और बेवकूफी के लिए इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। वह महिलाओं के साथ सामूहिक छेड़छाड़ के लिए पश्चिमी संस्कृति और पहनावे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। शर्मनाक।
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