जानें, पाकिस्तान की क्रूर BAT की हकीकत, कैसे करती है काम...

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बैट (BAT) यानी पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम। बैट ऐसी टीम है जो क्रूरता की सभी सीमाओं को लांघ जाती है। ताजा मामले में इस टीम पर आरोप है कि इसने दो भारतीय सैनिकों को मारने के बाद उनके शवों को बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिया। पहले भी जवानों के सिर काटने की घटनाओं में बैट का नाम सामने आया है। हालांकि पाकिस्तान की ओर से इस बात का खंडन किया गया है कि बैट ने इस तरह की हरकत को अंजाम नहीं दिया है। फिर भी इसे जनरल बाजवा की शैतानी हरकत माना जा रहा है। पूर्व की हरकतों को देखते हुए पाकिस्तान के खंडन पर भरोसा करना संभव नहीं है। 
 
सैनिकों के शव बुरी तरह क्षत-विक्षत करने की घटना के बाद लोगों के मन यह सवाल जरूरी कौंध रहा है कि आखिर यह बॉर्डर एक्शन टीम है क्या? ... और किस तरह काम करती है यह टीम? क्या इसके कुछ सिद्धांत भी हैं या फिर सैनिकों के भेष में यह आतंक का खौफनाक चेहरा है? आइए जानते हैं बैट के बारे में कुछ जानकारियां....
 
क्या है बैट : पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम में सेना के कमांडो के साथ ही आतंकवादी भी शामिल होते हैं। इस टीम में शामिल लोगों की ट्रेनिंग इस तरह की होती है कि वो ऑपरेशन के वक्त क्रूरता की सारी हदें पार कर जाते हैं। शहीद हेमराज का सिर काटने का आरोप भी बैट पर लगा था। इसमें कोई संदेह भी नहीं होना चाहिए क्योंकि जिस टीम में आतंकवादी शामिल हों, उनसे ‍युद्ध के नियम कायदों की उम्मीद करना ही बेमानी है। यह टीम छापामार युद्ध में भी पारंगत होती है और स्पेशल ग्रुप के साथ काम करती है।
 
रणनीति : पाक फौज की खूनी टुकड़ी के तौर पर कुख्यात बैट सीमा के भीतर एक से तीन किलोमीटर भीतर तक हमलों को अंजाम देती है। कश्मीर में दशकों से छद्म युद्ध चला रही पाकिस्तानी सेना इस टीम में जानबूझकर आतंकवादियों का इस्तेमाल करती है ताकि पकड़े जाने की स्थिति में इनसे पीछा छुड़ाया जा सके और सेना पर कोई आंच नहीं आए। बैट को घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान सेना कवर फायर देती है ताकि गोलीबारी की आड़ में आतंकवादी और यह टीम घुसपैठ करने में सफल हो सके। 
 
प्रशिक्षण : पाकिस्तानी सेना के साथ बैट के सदस्यों को करीब आठ महीने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इस दौरान पाकिस्तानी वायुसेना भी इन्हें चार हफ्ते का प्रशिक्षण देती है। इनके पास भारत के ब्लैक कैट कमांडो की तरह हथियार होते हैं। इनके पास हथियारों में एके 47 होती है साथ ही बर्फ में उपयोग किए जाने वाला स्विस साजोसामान (कपड़े एवं जूते) भी होते हैं। ये पाकिस्तान निर्मित हाई एनर्जी फूड अपने साथ रखते हैं, साथ ही सैटेलाइट फोन का उपयोग करते हैं। 
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