Big action by ED in fake cancer medicine case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कैंसर की नकली दवाओं का उत्पादन और बिक्री करने वाले गिरोह से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में 10 स्थानों पर सोमवार को छापेमारी की और 65 लाख रुपए नकद बरामद किए। इस मामले में एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के पूर्व कर्मी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।
निजी अस्पताल के पूर्व कर्मी समेत 12 लोग गिरफ्तार : अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अवैध दवा के व्यापार के सिलसिले में पुलिस ने आईआईटी (सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान)-बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) से स्नातक करने वाले एक व्यक्ति और एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के पूर्व कर्मी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने कैंसर और कीमोथेरेपी दवाओं के उत्पादन और उनकी दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पतालों में बिक्री में कथित रूप से शामिल एक संगठित आपराधिक गिरोह की जांच के लिए मामला दर्ज किया है।
2 अलग-अलग स्थानों से 65 लाख रुपए बरामद : प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले का संज्ञान लेते हुए धनशोधन का मामला दर्ज किया। निदेशालय ने इस मामले की जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर में 10 स्थानों पर छापे मारे और दो अलग-अलग स्थानों से 65 लाख रुपए बरामद किए। छापेमारी के दौरान विफिल जैन, सूरज शत, नीरज चौहान, परवेज मलिक, कोमल तिवारी, अभिनय और तुषार चौहान समेत मुख्य संदिग्धों और उनके सहयोगियों के परिसरों पर छापे मारे गए।
सूत्रों ने बताया कि कुल नकदी में से 23 लाख रुपए सूरज के घर में रखे एक बीन बैग से बरामद किए गए। प्राधिकारियों ने बताया कि नीरज चौहान एक अस्पताल के कैंसर विभाग में प्रबंधक के रूप में पहले काम कर चुका है। वह 2022 में विफिल जैन के साथ जुड़ा। वे कम कीमत पर नकली कीमोथेरेपी इंजेक्शन खरीदते हैं और दवाओं में नकली पदार्थों की मिलावट करते हैं।
ये नकली दवाएं असाध्य बीमारी से जूझ रहे रोगियों को दी गईं : शीर्ष कैंसर विशेषज्ञों सहित चिकित्सा पेशेवरों ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और इस कृत्य को अक्षम्य अपराध बताया है क्योंकि ये नकली दवाएं असाध्य बीमारी से जूझ रहे रोगियों को दी गईं। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें दवाओं में मिलावट, नकली दवाओं की बिक्री, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश से संबंधित अपराध शामिल हैं।
नकली कैंसर इंजेक्शन की 140 भरी हुई शीशियां जब्त : जांच से पता चलता है कि नकली कैंसर दवाओं का उत्पादन मुख्य रूप से डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर में होता था, जहां जैन ने दो ईडब्ल्यूएस फ्लैट से यह अवैध काम शुरू किया। सूरज शत शीशियों की दवा भरने और उन्हें पैक करने का काम देखता था। पुलिस की छापेमारी के दौरान नकली कैंसर इंजेक्शन की 140 भरी हुई शीशियां जब्त की गईं। इन शीशियों पर ओप्डायटा, कीट्रूडा, डेक्सट्रोज और फ्लूकोनाजोल जैसे ब्रांड के नाम थे।
गुरुग्राम में, नीरज चौहान ने साउथ सिटी में बड़ी मात्रा में नकली कैंसर इंजेक्शन/शीशियां जमा की थीं। इसके अतिरिक्त, एक निजी अस्पताल की साइटोटॉक्सिक एडमिक्सचर यूनिट में कार्यरत कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को पांच-पांच हजार रुपए में खाली शीशियों की आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दिल्ली का मूल निवासी जैन पहले सीलमपुर में एक मेडिकल स्टोर में काम करता था। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour