कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मामले में अदालत का बड़ा फैसला, ईदगाह परिसर के सर्वे पर रोक जारी रहेगी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 29 जनवरी 2024 (18:48 IST)
Big decision of Supreme Court in Krishna Janmabhoomi Mathura case : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने नई दिल्ली में मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से लगे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक जारी रखने का सोमवार को आदेश दिया।
 
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका की अगली सुनवाई अप्रैल के प्रथम पखवाड़े के लिए निर्धारित कर दी। पीठ ने कहा कि जहां कहीं भी अंतरिम आदेश जारी किया गया है वह जारी रहेगा। अप्रैल 2024 के प्रथम पखवाड़े में पुन: सूचीबद्ध किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुद्दे पर इसके समक्ष लंबित सभी याचिकाओं पर अप्रैल में एक साथ सुनवाई की जाएगी।
 
हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई थी रोक : सुप्रीम कोर्ट ने 16 जनवरी को, इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसमें अदालत की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।
 
इसने हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी थी जिसके द्वारा वह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की निगरानी के लिए अदालत द्वारा आयुक्त की नियुक्ति पर सहमत हुआ था। इस परिसर के बारे में हिन्दू पक्ष का दावा है कि यह कभी मंदिर हुआ करता था।
 
शीर्ष अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि दीवानी प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत मुकदमे की विचारणीयता सहित विवाद में उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही जारी रहेगी। पीठ ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे खड़े हुए हैं और उसने सर्वेक्षण के लिए अदालती आयुक्त की नियुक्ति की खातिर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश 'अस्पष्ट' आवेदन पर सवाल उठाए।
 
हिन्दू संगठनों को भी नोटिस जारी : शीर्ष अदालत ने हिन्दू संगठनों को भी नोटिस जारी किया था और मस्जिद समिति की याचिका पर उनका जवाब मांगा था। मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय को मुकदमे में किसी भी अन्य अर्जी पर निर्णय लेने से पहले वादपत्र की अस्वीकृति के लिए उसकी याचिका पर विचार करना चाहिए था। समिति ने इस आधार पर याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था कि यह मुकदमा उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित है जो धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव पर रोक लगाता है।
 
शीर्ष अदालत, मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर पहले से विचार कर रही है, जिसमें उच्च न्यायालय के 26 मई, 2023 के एक आदेश को चुनौती दी गई है। उक्त आदेश में उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत में लंबित विवाद से संबंधित सभी मामले उसे स्थानांतरित करने को कहा था।
 
मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन (3) की अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसका निर्माण श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर किया गया था। (भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख