पटना। बिहार की महागठबंधन सरकार में कार्तिक सिंह को कानून मंत्री बनाए जाने को लेकर मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल के विस्तार के एक दिन बाद ही उनकी पार्टी जदयू की विधायक बीमा भारती ने बुधवार को धमकी दी की अगर लेशी सिंह को कैबिनेट से नहीं हटाया गया तो वह इस्तीफा दे देंगी।
लेशी सिंह को मंगलवार को तीसरी बार मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। उन्हें बिहार कैबिनेट में खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बनाया गया है।
लेशी सिंह को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की जदयू विधायक बीमा भारती की मांग के बारे में चर्चा है कि कथित तौर पर कैबिनेट के लिए नहीं चुने जाने से वे नाराज हैं। सिंह को शामिल करने के कदम की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा कि लेशी सिंह पर कई हत्याओं का आरोप है और मुझे उन सभी लोगों के नाम पता हैं जिनकी हत्या कर दी गई है। वह गवाहों को धमकाती है ताकि सजा संभव न हो। अगर वह मंत्री पद से नहीं हटायी जाती हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।
भाकपा माले ने बुधवार को कहा कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी। पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाए रखने के अपने फैसले पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पुनर्विचार करना चाहिए।
वर्तमान में महागठबंधन में सात दल जदयू राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं जिनके पास 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 160 से अधिक विधायक हैं।
गौरतलब है कि विपक्षी भाजपा पहले ही कार्तिकेय सिंह को कैबिनेट से हटाने की मांग कर चुकी है, उसका दावा है कि उनके खिलाफ अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित है।
बुधवार को जब पत्रकारों ने कार्तिकेय सिंह पर लगाए गए आरोपों के बारे में मुख्यमंत्री से पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिकेय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सुशील के बारे में कहा, 'झूठा आदमी है। यह सब गलत है।'
उल्लेखनीय है कि बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। बिहार के 33 में 23 मंत्री अलग-अलग मामलों के आरोपी है। इसमें बड़ी बात यह है कि इन 23 में 17 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है।