नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार की नवगठित मंत्रिपरिषद में कार्तिक सिंह को शामिल किए जाने को लेकर बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि एक अभियुक्त को कानून मंत्री बनाकर उन्होंने संविधान का गला घोंटने की कोशिश की है।
मोदी ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा कि जिस कार्तिक सिंह को हत्या की नीयत से अपहरण के एक मामले में 16 अगस्त को आत्मसमर्पण करना था, उन्हें उसी दिन कानून मंत्री बनाकर नीतीश कुमार ने बिहार में दहशत वाले लालू राज की वापसी पक्की कर दी।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने दावा किया कि कार्तिक सिंह मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह के बिजनेस पार्टनर हैं और पटना उच्च न्यायालय द्वारा कार्तिक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ने कानून की नजर में अभियुक्त व्यक्ति को ही कानून मंत्री बनाकर संविधान और कानून का गला घोंटने की कोशिश की है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि जब बाहुबलियों को मंत्री बना दिया गया है तब बिहार में उद्योग लगाने कौन आएगा? उन्होंने कहा, नीतीश कुमार को कानून-व्यवस्था और विकास के जिन दो मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला था, उन दोनों मुद्दों पर उन्होंने 12 करोड़ लोगों से विश्वासघात किया। वे अब एक कमजोर, जनाधारहीन और नाम के मुख्यमंत्री हैं।
राज्यसभा के सदस्य मोदी ने दावा किया कि जब कार्तिक सिंह के विरुद्ध दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जा चुका है और उच्च न्यायालय ने अभियुक्त को किसी प्रकार की राहत देने से इन्कार कर दिया है तब कोई निचली अदालत उन्हें गिरफ्तारी से छूट जैसी राहत कैसे दे सकती है?
कार्तिक सिंह राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं और उन्हें पार्टी के कोटे से बिहार की महागठबंधन सरकार में मंत्री बनाया गया है। कार्तिक वर्ष 2014 में अपहरण से जुड़े एक मामले में आरोपित हैं। दानापुर कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए एक सितंबर तक के लिए राहत दी है। इसी बीच उन्हें मंत्री बना दिया गया और फिर विधि मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।(भाषा)