Cyclone Biparjoy : बिपरजॉय चक्रवात गुजरात की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने वाला है। इस दौरान 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। उससे पहले अच्छी बात यह है कि तूफान कुछ कमजोर हुआ है। हालांकि यह अब भी खतरनाक ही है। तूफान के चलते गुजरात के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें 3 लोगों की मौत की खबर है। इनमें से दो बच्चे भुज के हैं, जिन पर दीवार गिर गई, जबकि राजकोट में एक महिला पर पेड़ गिर गया। गुजरात के तटीय जिलों- कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने की समीक्षा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बचाव दल चक्रवात बिपारजॉय' के मार्ग में संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने चक्रवात से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस चक्रवात का पाकिस्तान पर भी असर पड़ने की आशंका है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से निकाला जाए। बयान के अनुसार मोदी ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्षति होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया।
तटरक्षक बल तैयार : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के दौरान गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है। सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक को द्वारका के पास तट से दूर तेल खनन जहाज 'की सिंगापुर' से 50 कर्मियों को निकालने के लिए तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ तैयार अवस्था में रखा गया है।
समुद्र में नहीं जाने की सलाह : आईएमडी ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के बृहस्पतिवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पत्तन के पास तट पर पहुंचने का अनुमान है। अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगा दिए गए हैं।
लोगों को भेजा जा रहा सुरक्षित स्थानों पर : भेजा रिपोर्ट के मुताबिक करीब 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा। पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
एनडीआरफ तैनात : राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दर्जनों टीमों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
मौसम विभाग का अलर्ट : मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात अलर्ट... सुबह आज 0830 बजे चक्रवात पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 450 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था। इसके 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह को पार कर जाने का अनुमान है।
रेल मंत्रालय सतर्क : चक्रवात बिपारजॉय के प्रभाव को कम करने के लिए रेलवे ने अपने आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय कर दिया है। रेल मंत्रालय ने कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और हवा का वेग 50 किमी प्रति घंटे से अधिक होने पर ट्रेनों को विनियमित या बंद करने के निर्देश, वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन समूहों का गठन, और मौसम विभाग की वेबसाइट की लगातार निगरानी समेत कई कदम उठाए हैं।
धारा 144 लागू, स्कूल बंद : कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं। पाकिस्तान सरकार ने भी सिंध और बलूचिस्तान में अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। देश के मौसम कार्यालय ने आज रात से सिंध और मकरान के तटों पर बादलों की गर्ज के साथ बारिश होने की संभावना जताई है।
Edited by navin rangiyal