जम्मू। कश्मीर में अब नया बवाल महबूबा मुफ्ती के बयान से मचा हुआ है। विरोध करने वाले इसे तिरंगे का अपमान बता रहे हैं। बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की बाढ़ आ गई है। इससे पहले डॉ. फारूक अब्दुल्ला के चीन समर्थन वाले से भी बवाल मचा था। वह अभी ठंडा नहीं पड़ा है। हालांकि अब्दुल्ला ने कहा है कि हम भाजपा विरोधी हैं, राष्ट्रद्रोही नहीं हैं।
महबूबा मुफ्ती के तिरंगे को लेकर की गई टिप्पणी के बाद, दर्जनों शिवसेना डोगरा फ्रंट (एसएसडीएफ) और विहिप के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। महबूबा ने कहा था कि वह केवल तभी तिरंगा धारण उठाएंगी, जब जम्मू और कश्मीर का झंडा बहाल होगा। इनकी इस टिप्पणी के बाद, एसएसडीएफ के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के नेतृत्व में, हाथों में तिरंगा पकड़े हुए प्रदर्शनकारियों ने रानी पार्क में इकट्ठा होकर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए।
गुप्ता ने कहा कि हम महबूबा और अब्दुल्ला जैसे कश्मीरी नेताओं की राष्ट्र-विरोधी टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीमाएं खोल देनी चाहिए और उन्हें पाकिस्तान और चीन भेज देना चाहिए क्योंकि भारत में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।
उनके इस कदम से आहत गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व और सम्मान है। यह हमारे शहीदों की प्रतिष्ठा है। हमारे पास तिरंगे पर गर्व करने वाले मुसलमान हैं, हम किसी को भी अपने भाईचारे को चोट नहीं पहुंचाने देंगे। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों के इस्तीफे की भी मांग की और कहा कि जो भी गुपकार घोषणा का हिस्सा हैं, उन्हें पाकिस्तान और चीन भेजा जाना चाहिए।
कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों- नेकां और पीडीपी सहित सभी ने पिछले साल के 5 अगस्त से पहले पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति की बहाली के लिए इस महीने गुपकार घोषणा के लिए पीपुल्स गठबंधन का गठन किया है।
प्रदेश भाजपा भी अब महबूबा मुफ्ती के बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के बयानों को देशद्रोही बताया है। भाजपा ने कहा कि 'धरती की कोई ताकत’ वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें।
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे झंडे को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है और इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। जेकेपीसीसी के प्रवता रवींद्र शर्मा ने कहा कि ऐसे बयान किसी भी समाज में बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान का प्रतीक है। शर्मा ने कहा कि उन्हें (महबूबा) इस तरह के अपमानजनक बयानों से बचना चाहिए।
क्या कहा था मुफ्ती ने : जानकारी के लिए महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो कश्मीर के झंडे को मानती हैं, जब तक वो नहीं मिलेगा तिरंगा नहीं उठाएंगी। उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया। इसके अलावा उन्होंने चीन पर भी प्यार लुटाया है।
उन्होंने बयान दिया है कि चीन ने भारत की बड़ी जमीन पर कब्जा किया और मिन्नतें करने के बाद कुछ हिस्सा वापस किया। इस तरह उन्होंने सेना का भी अपमान कर दिया। इससे पहले फारुक अब्दुल्ला ने भी चीन से हमदर्दी जताई थी। इस बीच महबूबा के खिलाफ जम्मू कश्मीर में भाजपा ने विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।