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रिहाई के बाद महबूबा बोलीं- अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे के लिए जारी रहेगा संघर्ष

हमें फॉलो करें रिहाई के बाद महबूबा बोलीं- अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे के लिए जारी रहेगा संघर्ष
, बुधवार, 14 अक्टूबर 2020 (12:57 IST)
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे के समाधान और अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया। गौरतलब है कि महबूबा को 14 महीने की हिरासत के बाद मंगलवार रात रिहा किया गया था।

महबूबा ने कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को लिया गया केंद्र का फैसला 'दिनदहाड़े लूट' थी। उन्होंने मंगलवार देर रात ट्विटर पर 83 सेकंड का एक ऑडियो संदेश डाला। इसमें उन्होंने कहा, हम सभी को संकल्प लेना होगा कि जो कुछ भी हमसे गैरकानूनी, अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से पिछले वर्ष पांच अगस्त को छीना गया था, उसे हम वापस पाकर रहेंगे। हमें कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भी काम करना होगा जिसके लिए हजारों लोगों ने अपनी जान दी।

पीडीपी नेता ने कहा कि यह कोई आसान काम नहीं है और इस राह में मुश्किलें आएंगी, लेकिन हमारी निष्ठा और दृढता इस संघर्ष में हमारे मददगार होंगे।पिछले वर्ष पांच अगस्त को केंद्र ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। महबूबा ने विभिन्न जेलों में बंद कश्मीर के लोगों की रिहाई की भी मांग की।

उन्होंने कहा, जैसे मुझे रिहा किया गया, उसी तरह अन्य (कश्मीरी) लोगों को भी हिरासत से रिहा किया जाए जो देशभर की जेलों में बंद हैं।पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को उनके विरुद्ध जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोपों को इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा हटा लिए जाने के बाद मंगलवार रात रिहा कर दिया गया था।

पिछले साल अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। उच्चतम न्यायालय में उन्हें हिरासत में रखने से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई होने से महज दो दिन पहले यह कदम उठाया गया है। उपायुक्त ने आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से महबूबा से पीएसए हटाया जाए। उनकी हिरासत इस साल 31 जुलाई को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी।
महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया, जिसे प्रशासन ने पहले उप जेल घोषित किया था।(भाषा)

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