श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को 14 महीने नजरबंद रखने के बाद रिहा कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं महबूबा को केंद्र द्वारा इस राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने एवं अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के समय कई अन्य नेताओं के साथ हिरासत में ले लिया गया था।
महबूबा को सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उनके खिलाफ जनसुरक्षा अधिनयिम के तहत मामला दर्ज किया गया।
महबूबा की बेटी इल्तिजा ने उन्हें हिरासत में रखे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसकी पिछली सुनवाई 29 सितंबर को हुई थी।
उच्चतम न्यायालय ने 29 सितंबर को सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन को इस बात पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया था कि महबूबा को कब तक हिरासत में रखा जा सकता है और क्या उनकी हिरासत एक साल के बाद भी बढ़ाई जा सकती है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि उनकी हिरासत पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन का क्या प्रस्ताव है। अदालत इस विषय पर इसी सप्ताह सुनवाई करने वाली थी।
रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया- जैसे कि श्रीमति मुफ्ती की अवैध हिरासत समाप्त हो गई है, मैं उन सभी को धन्यवाद देना करूंगी जिन्होंने इन कठिन समय में मेरा समर्थन किया। मैं आप सभी का आभार मानती हूं। अब मैं इल्तिजा आपसे विदा लेती हूं। अल्लाह आपकी रक्षा करें। रिहाई के कुछ ही मिनट बाद पीडीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा 16 अक्टूबर को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगी।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं- फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को 7 माह की हिरासत के बाद मार्च में रिहा कर दिया गया था।
राजनीतिक दलों ने किया स्वागत : जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने 14 महीने बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को रिहा किए जाने का स्वागत किया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि महबूबा मुफ्ती साहिबा को एक साल से अधिक समय बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया। उनकी निरंतर हिरासत हास्यास्पद और लोकतंत्र के मूल तत्वों के विरुद्ध थी। बाहर आने पर महबूबा का स्वागत। माकपा नेता मोहम्मद तारिगामी ने कहा कि मुफ्ती की रिहाई स्वागत योग्य राहत है लेकिन प्रशासन को पांच अगस्त से पूर्व हिरासत में लिए गए सभी अन्य बंदियों के बारे में भी विचार करना चाहिए। ( इनपुट भाषा)