Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

महाराष्ट्र : BJP नेता रावसाहेब दानवे ने मनोज जरांगे को दी चुनौती, बोले- विधानसभा चुनाव में उतारें 288 मराठा प्रत्याशी

हमें फॉलो करें Manoj Jarange

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

जालना , बुधवार, 7 अगस्त 2024 (22:37 IST)
BJP leader Raosaheb Danve challenges Manoj Jarange : आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारी करने का मराठों से आरक्षण कायकर्ता मनोज जरांगे के आह्वान के बाद, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने उन्हें चुनौती दी कि अगर वह अपने समुदाय को दिए गए आरक्षण से संतुष्ट नहीं हैं तो चुनाव में 288 मराठा उम्मीदवार उतारें।
 
दानवे ने मंगलवार शाम यहां कहा कि राज्य सरकार पहले ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण दे चुकी है। उन्होंने कहा, हम कानून के मुताबिक आरक्षण दे चुके हैं। लेकिन अगर जरांगे संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें राज्य की सभी 288 विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने चाहिए।
मंगलवार को जालना जिला स्थित अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराटी में जरांगे ने मराठा समुदाय से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा था कि अगर उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण चाहिए तो उनके पास राजनीतिक सत्ता हासिल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
 
अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की सत्ता में मराठों के आने का विश्वास व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मराठा, मुस्लिम और दलित महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। जरांगे मराठा समुदाय के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने इस समुदाय को एक अलग श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए फरवरी में एक कानून बनाया था। हालांकि कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल समेत ओबीसी नेताओं ने पिछड़े समुदायों के वर्तमान आरक्षण में छेड़छाड़ करने के किसी भी कदम का विरोध किया है।
 
दानवे ने कहा, हम भी चाहते हैं कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन यह आरक्षण दूसरों के आरक्षण की कीमत पर नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं पर चुनावी लाभ हासिल करने के लिए मराठा आरक्षण मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
दानवे ने कहा कि कांग्रेस सांसदों को मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण देने का मुद्दा संसद में उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर वे मुद्दा उठाते हैं, तो इसका मतलब है कि वे ईमानदार हैं अन्यथा वे स्वार्थी हैं और ईमानदार नहीं हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सलमान खुर्शीद के बयान को BJP नेता संबित पात्रा ने बताया अराजकतावादी