मुंबई। शिवसेना ने अयोध्या मुद्दे को लेकर गुरुवार को अपनी सहयोगी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है और यह मुद्दा उसे सत्ता से बाहर करने का कारण बनेगा।
पार्टी ने कहा कि हाल में तीन राज्यों में चुनावी हार से भाजपा जागी नहीं है तथा आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने भगवद गीता के उपदेशों के संदर्भ में जो कुछ भी कहा, पार्टी उससे सीख लेने को तैयार नहीं है।
शिवसेना ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा के अंदर भी दबाव है। उसने पूछा, लेकिन भगवान राम के लिए ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि श्री (मोहन) भागवत ने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा कि ‘जो मैं करता हूं वही अच्छा। मैंने किया, मैंने किया, मैंने किया, ऐसा अहंकार करने वाले किस काम के?’ उन्होंने भाजपा के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत दिया है।’
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा कि लेकिन इसका क्या फायदा? यह सरकार तो तीन राज्यों में मिली हार के बावजूद कुंभकर्ण की तरह नींद से उठने को तैयार नहीं है।
भाजपा हाल में तीन अहम राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में कांग्रेस के हाथों परास्त हुई है। शिवसेना ने कहा कि पूरा देश मंदिर निर्माण चाहता है। यही वजह है कि 2014 में भाजपा को वोट मिला।
पार्टी ने कहा कि हालांकि ऐसा लगता है कि यह मुद्दा भी पार्टी के लिए एक और ‘जुमला’ बन गया है। इसकी ‘सत्ता से वापसी’ की यात्रा अब शुरू हो गई है।
भाजपा पर तंज कसते हुए संपादकीय में लिखा गया है कि भगवान राम के अच्छे दिन कब आएंगे, जो 25 बरस से खुले तंबू में रह रहे हैं जबकि सत्ता पर बैठे लोग अपनी कुर्सियां गर्म कर रहे हैं।
हालांकि बुधवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में भाजपा प्रमुख अमित शाह ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में हर दिन सुनवाई करे तो फैसला आने में 10 दिन से अधिक समय नहीं लगेगा।