एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट तब हुआ जब पुलिस स्टेशन के अंदर रखे एक जब्त विस्फोटक में विस्फोट हो गया। उन्होंने बताया कि विस्फोटक - संभवतः अमोनियम नाइट्रेट - हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद से नौगाम पुलिस स्टेशन लाया गया था। जम्मू कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस द्वारा एक कथित डॉक्टरों के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद विस्फोटक ज़ब्त किया गया था।
उन्होंने बताया कि मृतकों में ज्यादातर पुलिसकर्मी और एफएसएल टीम के सदस्य हैं। मृतकों में एक नायब तहसीलदार और एक स्थानीय दर्जी भी शामिल हैं, जबकि 29 अन्य घायल हैं। कुछ घायलों की हालत गंभीर है।
अधिकारी के बकौल, शवों की पहचान की जा रही है क्योंकि कुछ शव पूरी तरह जल चुके हैं। विस्फोट इतना भीषण था कि कुछ शवों के अंग पुलिस स्टेशन से लगभग 100-200 मीटर दूर, आस-पास के घरों से बरामद किए गए हैं।
उन्होंने आगे बताया कि घायलों को इलाज के लिए श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल और स्किम्स सौरा में भर्ती कराया गया है, जबकि कुछ को इलाज के लिए एक स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों का कहना था सुरक्षा बल खोजी कुत्तों के साथ जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन परिसर के पास हुए विस्फोट की जांच के लिए पहुंच गए हैं।
श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अक्षय लाबरू जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन के पास हुए विस्फोट में घायल हुए पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की।
अधिकारियों ने बताया कि यह सामग्री, जो गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल गनई के किराए के घर से बरामद 360 किलोग्राम विस्फोटक का हिस्सा है, का नमूना चल रही जांच के तहत लिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि विस्फोट स्थल से छह शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। शवों को श्रीनगर के पुलिस नियंत्रण कक्ष ले जाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 24 पुलिसकर्मियों और तीन नागरिकों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। भीषण विस्फोट ने रात के सन्नाटे को भंग कर दिया और पुलिस थाने की इमारत को नुकसान पहुंचा। घायल पुलिसकर्मियों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। लगातार हुए छोटे-छोटे विस्फोटों के कारण बम निरोधक दस्ते द्वारा तत्काल बचाव अभियान चलाना मुश्किल हो गया।
बरामद किए गए कुछ विस्फोटकों को पुलिस की फोरेंसिक लैब में रखा गया है, जबकि 360 किलोग्राम विस्फोटक का बड़ा हिस्सा पुलिस थाने में रखा गया था, जहां आतंकी मॉड्यूल का एफआईआर दर्ज किया गया था। अक्टूबर के मध्य में नौगाम के बनपोरा में दीवारों पर पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी भरे पोस्टर दिखाई देने के बाद पूरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। इस घटना को एक गंभीर खतरा मानते हुए, श्रीनगर पुलिस ने 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया और एक समर्पित टीम का गठन किया था।
edited by : Nrapendra Gupta