उत्तरकाशी जिले के सहस्त्रताल ट्रैक पर मिले 4 और ट्रैकरों के शव

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 6 जून 2024 (12:57 IST)
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र सहस्त्रताल ट्रैक पर कर्नाटक के 4 और ट्रैकरों के शव मिले जिन्हें गुरुवार को बाहर निकाल लिया गया। राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने यहां बताया कि उनकी बचाव टीम ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से चारों शवों को उत्तरकाशी के निकट भटवाड़ी पहुंचाया। इसी के साथ सहस्त्रताल ट्रैक पर जारी बचाव अभियान समाप्त हो गया।
 
ये चारों लोग बेंगलुरु से थे जिनकी पहचान वेंकटेश प्रसाद (53), पदनाथ कुंडापुर कृष्णामूर्ति (50), अनिता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34) के रूप में हुई है। मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल पर ट्रैकिंग पर गया कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकर का 22 सदस्यीय दल 3 जून को अचानक आए बर्फीले तूफान की चपेट में आने के कारण रास्ता भटक गया था और अत्यधिक ठंड के कारण उसके 9 सदस्यों की मृत्यु हो गई। 5 शवों को बुधवार को बाहर निकाल लिया गया था जिनमें 4 शव महिलाओं के थे।
 
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि 4100-4400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ट्रैक पर दल के कुछ सदस्यों की मौत होने तथा अन्य के फंसे होने की सूचना 4 जून की शाम को मिली जिसके बाद जमीनी और हवाई बचाव अभियान की तैयारियां शुरू की गईं। इस ट्रैकिंग दल में 10 महिलाएं भी थीं।
 
भारतीय वायुसेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और निजी हेलीकॉप्टर की मदद से जारी अभियान के तहत बुधवार को 5 शवों को बाहर निकाले जाने के अलावा 11 अन्य ट्रैकर को सुरक्षित नीचे पहुंचाया गया जबकि अन्य 2 स्वयं पैदल चलते हुए एसडीआरएफ की टीम के साथ सिल्ला गांव पहुंचे। उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हवाई अभियान संचालित करने में परेशानियां आईं, साथ ही 35 किलोमीटर लंबे इस दुरूह ट्रैक में जमीनी दलों को भी घटनास्थल तक पहुंचने में समय लगा।
 
उत्तरकाशी के मनेरी में 'हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी' ने इस दल को 29 मई को उत्तरकाशी से रवाना किया था जिसमें कनार्टक के 18 और महाराष्ट्र के 1 ट्रैकर के अलावा 3 स्थानीय गाइड भी शामिल थे। इस ट्रैकिंग दल को 7 जून तक वापस लौटना था लेकिन मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी द्वारा खोजबीन करने पर दल के कुछ सदस्यों की मृत्यु होने तथा अन्य के फंसे होने का पता चला।
 
सुरक्षित बचाए गए एक ट्रैकर ने उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें बचाने के लिए त्वरित कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने समय से एसडीआरएफ की टीम को भेजा जिसने हमें बाहर निकाला। हमारे रहने और खाने का इंतजाम किया जिसके लिए हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।(भाषा)(सांकेतिक चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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