नई दिल्ली। दिल्ली में जनवरी में 7 दिन शीतलहर चली, जो 2008 के बाद इस महीने में सर्वाधिक ऐसे दिन हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विज्ञान (आईएमडी) ने रविवार को यह जानकारी दी। जब मैदानी भाग में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक गिर जाता है तो आईएमडी शीतलहर की घोषणा करता है। जब मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री या उससे भी नीचे चला जाता है तो वह भयंकर शीतलहर की स्थिति होती है।
आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, इस साल जनवरी में शीतलहर वाले दिन 2008 के बाद से सर्वाधिक रहे, 2008 में जनवरी में शीतलहर वाले दिन 12 थे।वर्ष 2019 और 2020 में इस महीने में शीतलहर का केवल एक दिन रहा था। दिल्ली में जनवरी, 2013 में शीतलहर वाले 6 दिन थे।
श्रीवास्तव ने बताया कि केवल एक पश्चिमी विक्षोभ ने इस जनवरी में पश्चिमोत्तर के मैदानी भागों को प्रभावित किया। फलस्वरूप अधिकतर दिनों में रात में बादल नहीं रहे और अधिक शीतलहर वाले दिन रहे। दरअसल बादल वायुमंडल से लौटने वाली कुछ अवरक्त (इंफ्रारेड) किरणों को अवशोषित कर लेते हैं, फलस्वरूप धरातल गर्म रहता है। बादलों के अभाव में न्यूनतम तापमान गिर जाता है।
रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर चलती रही और पारा 3.1 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। पिछले एक सप्ताह में शीतलहर का यह चौथा दिन है। आईएमडी के अनुसार, मंगलवार और गुरुवार को मैदान भागों में सर्द और शुष्क उत्तरी -पश्चिमी हवा चलने के कारण पारा क्रमश: 2.1 और 3.8 डिग्री तक लुढ़क गया था।
शुक्रवार को भी दिल्ली में शीतलहर चलती रही और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य से पांच डिग्री कम था। नए साल के पहले दिन शहर में पारा 1.1 डिग्री तक लुढ़क गया था, जो पिछले 15 सालों में जनवरी का सबसे कम न्यूनतम तापमान था।(भाषा)