बीएस-3 उत्सर्जन मानक वाले वाहन बैन, 20 हजार करोड़ का नुकसान

Webdunia
गुरुवार, 30 मार्च 2017 (00:13 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बीएस-तीन उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों की ब्रिकी व पंजीकरण पर एक अप्रैल से रोक लगा दी है। वाहन कंपनियों के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि उनके पास इस तरह के आठ लाख से अधिक वाहन तैयार हैं जिनका अनुमानित मूल्य 20000 करोड़ रुपए है।
 
न्यायालय ने कहा कि जनता का स्वास्थ्य वाहन कंपनियों के वाणिज्यिक हितों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। न्यायालय ने कहा कि वाहन विनिर्माता कंपनियों को यह पूरी तरह पता था कि एक अप्रैल 2017 से उन्हें केवल बीएस-चार मानक वाले वाहन ही बनाने होंगे। इसके बावजूद ऑटोमोबाइल कंपनियों ने सक्रियता के साथ पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
 
शीर्ष अदालत ने पांच पन्नों के अपने आदेश में एक अप्रैल से उन वाहनों के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी है जो कि बीएस-चार उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करते। हालांकि वाहन ब्रिकी 31 मार्च को या इससे पहले किए जाने का सबूत दिए जाने पर इसमें छूट होगी।
 
पर्यावरण समर्थक कार्यकर्ताओं व संगठनों ने फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह जनता के स्वास्थ्य पर छाए संकट को रेखांकित करता है। इन संगठनों ने इस फैसले को वायु प्रदूषण से लड़ने की दिशा में सही कदम करार दिया है।
 
वहीं वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने इस फैसले को ‘परेशान करने वाला’ करार दिया है। सियाम का कहना है कि मौजूदा कायदे कानून बीएस-तीन वाहनों की ब्रिकी की अनुमति देते हैं और न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी की। उल्लेखनीय है कि वाहन उत्सर्जन नियम वे उत्सर्जन मानक हैं जिन्हें वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर काबू पाने के लिए तैयार किया गया है।
 
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने एक अप्रैल से भारत स्टेज-चार मानकों का पालन नहीं करने वाले वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर रोक दी। हम यह निर्देश देते हैं कि एक अप्रैल 2017 को और उसके बाद, बीएस-चार मानक अनुपालन पूरा नहीं करने वाले वाहनों को किसी भी विनिर्माता अथवा डीलर द्वारा भारत में नहीं बेचा जा सकेगा। इस तरह के किसी भी दोपहिया, तीन पहिया, चार पहिया अथवा वाणिज्यक वाहनों को एक अप्रैल 2017 को और उसके बाद किसी भी विनिर्माता अथवा डीलर द्वारा नहीं बेचा जा सकेगा।
 
पीठ ने कहा कि इस आदेश के विस्तृत कारण उचित समय पर जारी किए जाएंगे। आदेश के अनुसार देशभर में उन वाहनों का पंजीकरण एक अप्रैल 2017 से नहीं किया जाएगा जो कि बीएस-चार उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं करते। हालांकि 31 मार्च को या इससे पहले ब्रिकी का साक्ष्य देने वाले वाहनों को इसमें छूट मिलेगी।
 
इससे पहले सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स ने न्यायालय में जनवरी, 2016 से हर महीने के आधार पर भारत स्टेज-तीन के वाहनों के विनिर्माण और बिक्री से संबंधित आंकड़े पेश किए थे। इस संगठन का कहना था कि कंपनियों के पास ऐसे करीब आठ लाख 24 हजार वाहनों का स्टॉक है जिसमें 96 हजार वाणिज्यिक वाहन और छह लाख से अधिक दुपहिया और करीब चालीस हजार तिपहिया वाहन शामिल हैं।
 
सियाम के अध्यक्ष विनोद दासारी ने कहा, हम सभी को उच्चतम न्यायालय के फैसले का आदर करना होगा। उद्योग जगत के अनुमानों के अनुसार इस आदेश से प्रभावित होने वाले वाहनों का कुल मूल्य 15,000-20000 करोड़ रुपए होगा। 
 
दासारी ने कहा कि सरकारी अधिसूचना के अनुसार बीएस-तीन वाहनों की ब्रिकी एक अप्रैल के बाद भी की जा सकेगी, लेकिन अब अचानक उन बीएस तीन वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुझे यह काफी निराशाजनक लगता है कि इस तरह की बात हुई है। दासारी ने कहा कि आने वाले दिनों में वाहन डीलरों व फाइनेंस कंपनियों के यहां भगदड़ की स्थिति देखने को मिल सकती है।
 
सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रायचौधरी ने कहा, यह महत्वपूर्ण कदम है और ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए सबक भी कि लोगों की स्वास्थ्य चिंताओं को देखते हुए उन्हें अतिरिक्त कदम उठाने होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर ही नहीं देशभर में वायु प्रदूषण पहले ही गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप धारण कर चुका है। (भाषा)  
 
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख