बुराड़ी के दिल दहलाने वाले सामुहिक आत्महत्या के मामले में लगातार सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। ऐसे ही एक खुलासे से पता चला है कि ललित अपने पिता के साथ अन्य आत्माओं को भी मोक्ष दिलाना चाहते थे।
ललित ने रजिस्टर में अपने पिता के हवाले से 9 जुलाई 2015 को लिखा था कि आप क्रिया की गति में सुधार बढ़ाओ, आप भटक रहे हो। सभी एक छत के नीचे मेलमिलाप कर इसे सुधारो। अभी कुछ आत्माएं मेरे साथ भटक रही हैं। क्रिया में सुधार करोगे तो गति बढ़ेगी।
मैं इस चीज के लिए भटक रहा हूं, ऐसे ही सज्जन सिंह, हीरा, दयानंद, कर्मचंद, राहुल, गंगा और जमुना देवी मेरे सहयोगी बने हुए हैं। ये भी यही चाहते हैं कि तुम सब सही कर्म कर जीवन सफल बनाओ। जब हमारे काम पूरे हो जाएंगे तो हम लौट जाएंगे।
दिल्ली क्राइम ब्रांच को ललित के घर से 5 जून 2013 से 30 जून 2018 तक लिखे गए 11 रजिस्टर मिले हैं। बताया जा रहा है कि इनमें चार अलग-अलग लिखावटे हैं। ज्यादातर बातें ललित की भांजी प्रियंका ने लिखी हैं। पुलिस एक्सपर्ट से अन्य लिखावटों का भी मिलान करवा रही है।
क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि रजिस्टर में लिखी बातों के बारे में मनोचिकित्सकों से जांच करवाई जाएगी कि आखिर परिवार के सदस्यों की मनोस्थिति किस स्तर तक पहुंच चुकी थी।