नई दिल्ली। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निकट अवधि में व्यवधान आने की संभावना है लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 उसके लिए सामान्य रहना चाहिए। सभी श्रेणियों में प्रौद्यागिकी सेवाओं की जरूरत होगी। वैश्विक वित्तीय परामर्शक सिटी ने अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट ने सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियों को ‘घर से काम करने’ की सुविधा का परीक्षण करने का एक बड़ा मौका दिया है। साथ ही सेवाओं और आपूर्ति के नवोन्मेष का भी अवसर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां देख रही हैं कि पहले की तुलना में अधिक कर्मचारी घर से काम करने को तरजीह दे रहे हैं जबकि उनकी उत्पादकता पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि अभी इस रुख को हालातों के सामान्य होने के बाद भी परखना होगा।
इतना ही नहीं सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के ग्राहकों ने भी तेजी से नई तकनीकों को अपनाया है, ताकि कारोबार को सुचारू रखा जा सके और इनमें से कुछ लोग कोविड-19 के बाद बनने वाली नई दुनिया में भी इसे जारी रख सकते हैं, क्योंकि इससे उन्हें लागत की बचत होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बारे में हमारा अनुमान है कि निकट अवधि में इसमें कुछ व्यवधान आ सकता है लेकिन 2021-22 में यह सामान्य रहना चाहिए।सिटी के मुताबिक 2020-21 की पहली छमाही में निकट अवधि में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए व्यवधान आ सकता है, लेकिन उसके बाद मांग धीरे-धीरे सामान्य होगी क्योंकि यह कारोबार के लिए अहम बनी रहेगी।
वहीं कोविड-19 लोगों के व्यवहार में बदलाव लाएगा। इससे ज्यादा लोग डिजिटल लेनदेन की ओर आकर्षित होंगे और यह नकद लेनदेन से लोगों को दूर कर सकता है।(भाषा)