सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर चेन्नई पुलिस के कथित लाठीचार्ज को लेकर शनिवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों समेत लोगों के एक समूह ने तमिलनाडु भवन के पास प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों के इस छोटे समूह में कुछ युवा महिलाएं भी शामिल थीं। उन्होंने बिहार भवन से तमिलनाडु भवन की ओर मार्च निकालने की कोशिश की और तमिल में भाजपा विरोधी एवं आरएसएस विरोधी नारे लगाए।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही चाणक्यपुरी स्थित तमिलनाडु भवन की ओर जुलूस निकालने की कोशिश की उन्हें बीच रास्ते में ही हिरासत में ले लिया गया।
बाद में महिलाओं समेत कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया। दरअसल जामिया संयोजन समिति ने यहां प्रदर्शन का आह्वान किया था।
हिंसक हो गया था प्रदर्शन
चेन्नई में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मुस्लिमों का प्रदर्शन पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद हिंसक हो गया था। पुलिस ने बताया कि पथराव की घटना में एक महिला संयुक्त आयुक्त, दो महिला कांस्टेबल और एक सब-इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। घटना में कुछ प्रदर्शनकारियों के भी घायल होने की खबर है।
तमिलनाडु में द्रमुक समेत विपक्षी दलों ने यहां सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की शनिवार को निंदा की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर कथित रूप से बल प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इधर शहर की पुलिस ने भी लोगों से अपील की कि वे इस संबंध में सोशल मीडिया पर कोई भड़काऊ संदेश वायरल न करें। बता दें कि इसी बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में मुस्लिम समुदाय द्वारा सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी है।
क्या कह रहे जनप्रतिनिधि
इधर नेताओं ने भी मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं हैं। तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने कहा कि अम्मा सरकार ने मुसलमानों के कल्याण को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी है। जो लोग इसे पचा नहीं पा रहे, वे झूठ बोल रहे हैं और दुष्प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें लाभ नहीं होगा। लोग भी उन पर भरोसा नहीं करेंगे।
द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किए जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग क्यों किया।