वाह रे योगी पुलिस : पहले 13 महीने की दुधमुंही चंपक को मां से किया दूर, अब जेल में शिफ्ट करने की कह रहे बात
CAA के शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन में बनारस जेल में बंद है मां एकता और पिता रवि शेखर
नागरिकता कानून के विरोध को लेकर उत्तर प्रदेश में पुलिस इन दिनों ताबड़तोड़ लोगों को गिरफ्तार कर रही है। अब तक पुलिस एक हजार के अधिक लोगों को विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार कर चुकी है। पीएम मोदी के संसदीय सीट बनारस में नागरिकता कानून का विरोध करने पर 19 दिसंबर को चेतगंज थाना इलाके में पुलिस ने 57 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन गिरफ्तार लोगों में सामजिक कार्यकर्ता दंपत्ति रवि और एकता शेखर भी शामिल है। एक ओर रवि और एकता गिरफ्तारी के बाद बनारस जेल में बंद है तो दूसरी ओर घर पर उनकी 13 महीने की दुधमुंही बेटी चंपक का बुरा हाल है।
हर पल अपनी मां को खोज रही चंपक का रो– रो कर बुरा हाल है। वह पिछले 9 दिनों से घर में मौजूद हर शख्स के बीच अपनी मां को तलाश रही है। अपनी दादी की गोद में बैठी चंपक मां के कपड़ों को देखकर भी बैचेन हो जाती है। मासूम चंपक को देखकर दादी शाली का आंखें आंसुओं से भर जाती है।
रवि शेखर के बड़े भाई शशिकांत वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि चंपक की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। शशिकांत कहते हैं कि रवि और एकता के जेल जाने के बाद चंपक हरदम उदास सी रहती है उसने खाना पीना सब छोड़ दिया है।
वेबदुनिया से बातचीत में शशिकांत कहते हैं कि जब तेरह महीने की चंपक को लेकर उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से बातचीत की तो गैर जिम्मेदराना तरीके से कहा कि अगर आप लोग चाहते प्रशासन चंपक को उसकी मां एकता के पास जेल में शिफ्ट करने की व्यवस्था कर सकता है। वह कहते हैं कि चंपक को लेकर जब उन्होंने गुरुवार को चेतगंज के के एसएचओ प्रवीण कुमार से बात की उन्होंने चंपक को जेल में शिफ्ट करने की बात कही। आपको बता दें कि चेतगंज वहीं थाना है जिसमें रवि और एकता के साथ 57 लोगों के खिलाफ CAA का शांति पूर्ण विरोध करने पर एफआईआरदर्ज है।
वेबदुनिया के जरिए वह सवाल पूछते हुए कहते हैं कि क्या बनारस जेल की व्यवस्था ऐसी है कि एक तेहर महीने की बच्ची को जेल में शिफ्ट किया जा सकता है। वह कहते हैं यह बनारस जिल प्रशासन पूरी मामले खानापूर्ति करने में जुटा हुआ है। वह आरोप लगाते है कि पूरे मामले में प्रशासन का रवैया बहुत ही असहयोगात्मक रहा है। वह कहते हैं इसको इससे समझा जा सकता है कि 19 तारीख को एफआईआर दर्ज होती है लेकिन 22 तारीख तक उनको उसकी कॉपी तक नहीं मिल पाती है। वह कहते इस बारे में उनकी बात कलेक्टर से लेकर कमिश्नर स्तर के अधिकारियों से हो चुकी है। वह शांति पूर्वक प्रदर्शन करने पर गिरफ्तारी करने और फिर जमानत नहीं मिलने पर सवाल उठाते है।
वेबदुनिया से बातचीत में शशिकांत कहते हैं कि चंपक को उसकी मां से मिलाने के लिए वह अब पीएम मोदी और हाईकोर्ट का रुख करने का विचार कर रहे है। वह कहते हैं कि चूंकि हाईकार्ट और लोअर कोर्ट में छुट्टियां चल रही है इसलिए अब वह एक तारीख की सुनवाई का इंतजार कर रहे है। वह कहते हैं कि उनकी वकीलों से जो बातचीत हुई उसके अनुसार जो धाराएं लगी है उसमें उनकी जमानत आसानी से हो जानी चाहिए थी लेकिन जमानत नहीं मिलने से अब वह परेशान है और अब उनकी पूरा आस एक जनवरी को होने वाली सुनवाई पर टिकी है। इसके साथ पूरे मामले पर पीएम मोदी से दखल देने को लेकर वह बनारस में स्थित पीएमओ कार्यालय से भी संपर्क करेंगे।