नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकारें किसी मामले में अदालत के आदेश पर सीबीआई को जांच करने के लिए प्रदेश में प्रवेश करने से रोक नहीं सकती हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के क्षेत्राधिकार और राज्य सरकारों से पूर्वानुमति की अनिवार्यता पर कानूनी स्थिति स्पष्ट करते हुए यह जानकारी दी।
डॉ. सिंह ने बताया कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 के तहत संचालित सीबीआई को किसी राज्य में दर्ज मामले पर जांच के लिए संबद्ध राज्य सरकार द्वारा पूर्वानुमति मिलने या संवैधानिक न्यायालयों द्वारा किसी मामले की जांच के दायित्व सौंपे जाने पर सीबीआई के कर्मचारियों का अधिकार क्षेत्र और शक्तियां अन्वेषण हेतु बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सीबीआई को जांच की राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति भविष्य के लिए वापस ली सकती है और यह अतीत के मामलों में प्रभावी नहीं होती है। इसके अतिरिक्त संवैधानिक न्यायालयों द्वारा सौंपे गए मामलों में उस राज्य द्वारा सीबीआई को दाखिल होने से मना नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसके लिए राज्य की सहमति आवश्यक नहीं है। (भाषा)