नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण रद्द की गई 10वीं और 12वीं कक्षा की शेष परीक्षाओं में अंक, परीक्षार्थियों द्वारा प्राप्त उन विषयों के अंकों के औसत के आधार पर दिए जाएंगे, जिनमें उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा है।
बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद मूल्यांकन योजना अधिसूचित की। न्यायालय सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ छात्रों के अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सीबीएसई को पूर्व में ली गई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित करने और इसे शेष विषयों के आंतरिक मूल्यांकन अंकों के औसत के आधार पर तय करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
योजना के अनुसार सभी परीक्षाएं देने वाले 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के नतीजे परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए जाएंगे।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि जिन छात्रों ने तीन से अधिक विषयों की परीक्षाएं दी हैं उन्हें जिन तीन विषयों में सबसे अधिक अंक मिले हैं उसके औसत अंक बाकी के उन विषयों में दिए जाएंगे जिनकी परीक्षाएं नहीं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि जो छात्र केवल तीन विषयों की परीक्षाओं में बैठे उन्हें जिन दो विषयों में सबसे अधिक अंक मिले हैं उसके औसत अंक बाकी के उन विषयों में दिए जाएंगे जिनकी परीक्षाएं नहीं हुई हैं।
फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान उत्तरपूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा के मद्देनजर कुछ परीक्षाएं रद्द होने पर संज्ञान लेते हुए बोर्ड ने अंकों के मूल्यांकन के लिए आंतरिक परीक्षाओं के प्रदर्शन पर विचार करने का फैसला लिया है।
भारद्वाज ने कहा कि 12वीं कक्षा के बहुत कम खासतौर से दिल्ली के छात्र हैं जो केवल एक या दो विषयों की परीक्षाओं में बैठे हैं। उनके नतीजे दी गई परीक्षाओं में प्रदर्शन और आंतरिक परीक्षाओं में या परियोजना मूल्यांकन के प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए जाएंगे।
साथ ही सीबीएसई ने कहा कि अगर 12वीं के छात्र चाहेंगे तो उन्हें अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए वैकल्पिक परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाएगी। स्थिति अनुकूल होने पर बोर्ड बाद में परीक्षाएं कराएगा। बहरहाल, जो छात्र उन परीक्षाओं में बैठने का विकल्प चुनेंगे परीक्षाओं में उनका प्रदर्शन अंतिम अंकों के तौर पर माना जाएगा।
10वीं कक्षा के छात्रों को अंकों में सुधार लाने के लिए परीक्षाओं में बैठने का मौका नहीं मिलेगा और बोर्ड द्वारा घोषित अंकों को ही अंतिम माना जाएगा। गौरतलब है कि एक से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाओं को रद्द करने के बाद चार सूत्री मूल्यांकन योजना तैयार की गई है।
भारद्वाज ने कहा कि मूल्यांकन योजना पर आधारित नतीजे 15 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे ताकि छात्र भारत या विदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों में आवेदन कर सकें या दाखिला ले सकें। बोर्ड ने हालांकि वैकल्पिक परीक्षाएं कराने के लिए कोई समयसीमा नहीं दी है। (भाषा)