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Monkeypox Vaccine : मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, वैक्सीन विकसित करने के लिए जारी किया टेंडर, गाइडलाइन भी जारी

हमें फॉलो करें Monkeypox Vaccine : मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार गंभीर, वैक्सीन विकसित करने के लिए जारी किया टेंडर, गाइडलाइन भी जारी
, बुधवार, 27 जुलाई 2022 (23:38 IST)
नई दिल्ली। Monkeypox : देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने मंकीपॉक्स की वैक्सीन डेवलप करने के लिए 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' या टेंडर निकाला है। इसके अलावा मंकीपॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट का भी टेंडर निकाला गया है। इसके अलावा रोगियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

सरकार ने जारी की गाइडलाइन : मंकीपॉक्स के रोगियों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों में 21 दिन का पृथकवास, मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढंककर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना शामिल है।

दिशानिर्देश मई में जारी किए गए थे और दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों तथा 11 राजस्व जिलों को उनका पालन करने का निर्देश दिया था। राष्ट्रीय राजधानी में 24 जुलाई को मंकीपॉक्स का एक पुष्ट मामला सामने आया जिससे देश में ऐसे रोगियों की कुल संख्या चार हो गई है।

सूत्रों ने कहा कि अब तक दिल्ली के पहले मंकीपॉक्स रोगी के संपर्क में आए 14 लोगों की पहचान की गई है और उनमें से किसी को भी लक्षण नहीं दिखे हैं। उन्होंने कहा कि संपर्क में आए एक व्यक्ति को शरीर में दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन वह अब ठीक है और कोई लक्षण नहीं है।

वहीं मंकीपॉक्स के एक अन्य संदिग्ध रोगी को दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया है और नमूने राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे भेजे गए हैं। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स रोगी या उनसे संबंधित दूषित सामग्री के अंतिम बार संपर्क में आने से 21 दिन तक पृथकवास में रहना पड़ता है।

मंकीपॉक्स, वायरस से होने वाला संक्रामक रोग है- जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। इसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, हालांकि चिकित्सकीय रूप से यह उतना गंभीर नहीं होता है। केंद्र के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो स्वास्थ्यकर्मी मंकीपॉक्स के रोगियों या संभावित रूप से दूषित सामग्री के असुरक्षित संपर्क में हैं, उन्हें लक्षणहीन होने पर ड्यूटी से बाहर रखने की जरूरत नहीं है, लेकिन 21 दिन के लिए निगरानी रखी जानी चाहिए।

दिशानिर्देशों के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति को तीन प्लाई वाला मास्क पहनना चाहिए, जबकि त्वचा के घावों को हरसंभव सीमा तक ढंककर रखना चाहिए जिससे कि दूसरे लोगों के इसके संपर्क में आने का जोखिम कम हो सके।केंद्र ने कहा कि मरीजों को तब तक पृथकवास में रहना चाहिए जब तक कि सभी घाव ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती।

संपर्क की पहचान करने की प्रक्रिया के बारे में एक अधिकारी ने कहा कि कोई व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आमने-सामने, सीधे शारीरिक संपर्क के माध्यम से आता है या दूषित सामग्री जैसे कपड़े या बिस्तर के संपर्क में आता है, उसे प्राथमिक संपर्क के रूप में पहचाना जाता है।

अधिकारी ने कहा, जिला निगरानी दल संपर्क में आए लोगों से लक्षणों की स्वयं निगरानी करने और अधिकारियों के संपर्क में रहने को कहते हैं। मुख्य रूप से संपर्क में आए लोगों को खुद को अलग कमरे में रखना चाहिए, लेकिन वे एक ही कमरे में भी रह सकते हैं। उन्हें आदर्श रूप से मास्क पहनना चाहिए और हाथों की स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन करना चाहिए।

अधिकारी ने यह भी कहा कि संपर्क में आए लक्षणविहीन लोगों को निगरानी के दौरान रक्त, कोशिकाओं, ऊतकों, अंगों या वीर्य का दान नहीं करना चाहिए। मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन सप्ताह तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और अंगों में सूजन के साथ उभरता है।

लक्षणों में घाव भी शामिल होते हैं, जो आमतौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं और लगभग दो से चार सप्ताह तक चलते हैं। खुजली के साथ स्वस्थ होने का चरण आने तक इनमें अकसर दर्द होता है।

इस साल मई में कई गैर स्थानिक देशों में मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान की गई थी। विश्व स्तर पर अब तक 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और इसके कारण अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

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