बेंगलुरू। भारत का महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान-2 (chandrayaan 2) सफलता से कुछ दूरी पर है। आज दोपहर करीब एक से डेढ़ बजे के बीच चंद्रयान-2 दो हिस्सों में बंट जाएगा। चन्द्रयान-2 का विक्रम लैंडर, ऑर्बिटर से अलग होने की प्रक्रिया में है। ISRO चेयरमैन के. सिवन के मुताबिक यह ऐसा ही है मानो बेटी अपने पिता के घर से विदा हो जाएगी। यह प्रक्रिया दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 1 बजकर 45 मिनट के बीच हो सकती है। chandrayaan 2 अब चंद्रमा से 119 किमी (सबसे नजदीक) से 127 किमी (सबसे दूर) दूरी की अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।
ISRO के वैज्ञानिकों ने रविवार शाम 6 बजकर 21 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान की कक्षा में बदलाव किया। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद से यान के पथ में यह पांचवां व अंतिम बदलाव था। कक्षा बदलने में 52 सेकंड का समय लगा। अब चंद्रयान चांद से सिर्फ 119 किलोमीटर दूर रह गया है।
ISRO के अनुसार चन्द्रयान 6-7 सितंबर की दरमियानी रात 1.40 बजे लैंडर का चंद्रमा की ओर उतरना शुरू होगा और 15 मिनट में 1.55 बजे विक्रम लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर दो क्रैटर मैंजिनस सी और सिंप्लीयस एन के बीच उतरेगा। 7 सितंबर को सुबह 5.10 मिनट पर चलना शुरू करेगा और 45 मिनट के बाद 5.55 बजे रोवर चंद्रमा पर उतर जाएगा। रोवर के चंद्रमा पर उतरते ही वह लैंडर और लैंडर रोवर की सेल्फी लेगा जो उसी दिन करीब 11 बजे सेल्फी धरतीवासियों के लिए भेज देगा।
प्रधानमंत्री मोदी बच्चों के साथ देखेंगे लैंडिंग का नजारा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चन्द्रयान-2 की लैंडिंग की ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए ISRO के मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री के साथ वे बच्चे भी मौजूद रहेंगे, जो इसरो द्वारा आयोजित स्पेस क्वीज के विजेता बने हैं। खबरों के अनुसार ISRO ने देशभर से करीब 50 बच्चे व उनके माता-पिता को आमंत्रित किया गया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के साथ ही पूरी दुनिया भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को देखेगी।