Violent protests in PoK: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों और बुलडोज़र को आग के हवाले कर दिया है। इलाके में तनाव घटाने को लेकर पाकिस्तान सरकार और जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JKAAC) के बीच बातचीत के कल शुरू होने के बावजूद, पीओजेके में भारी अशांति देखी गई। यह तनाव सुरक्षा बलों की गोलीबारी में स्थानीय नागरिकों के मारे जाने के बाद और बढ़ गया था। इस बीच भारत ने कहा है कि पाकिस्तानी सेना पीओके में लोगों के साथ बर्बरता कर रही है।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को फूंका : पीओजेके के सेहंसा इलाके में प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में हुई नागरिकों की मौतों के प्रतिशोध में सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया और पुलिस वाहनों और बुलडोज़रों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने अरजा पुल पर नाकाबंदी कर दी है, जिससे आवाजाही में खासी परेशानी हुई है।
बातचीत की पहल के बाद भी अशांति : इसके अलावा कोटली शहर में पूर्ण बंद रहा और राज्य सरकार की कार्रवाई के कड़े विरोध में व्यवसाय और परिवहन ठप रहे। बातचीत की पहल होने के बाद भी आजाद पट्टन और पलंदरी सहित प्रमुख क्षेत्रों में प्रदर्शनों का सिलसिला नहीं रुका। इस मामले में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
इस प्रदर्शन के पीछे कौन : शौकत नवाज की अध्यक्षता वाली जेकेजेएएसी पीओके में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही है। इस कमेटी का गठन 2023 में सरकार की ओर से लगाए गए प्रापर्टी टैक्स के खिलाफ किया गया था। इस कमेटी की एक अपील पर हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर जाते हैं। प्रदर्शनकारी पीओके की सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई पर काबू पाने में नाकाम रहने का आरोप लगा रहे हैं। उनकी 38 मांगें भी हैं।
क्या कहा भारत ने : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना पीओके में निर्दोष लोगों पर बर्बरता कर रही है। वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पीओके की घटनाएं पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन क्षेत्रों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का परिणाम है। जायसवाल ने कहा कि गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala