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ट्रंप के टैरिफ से आधे भारतीय निर्यात ही होंगे प्रभावित, कृषि-डेयरी पर समझौता नहीं

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हमें फॉलो करें US President Donald Trump's tariffs will affect only half of Indian exports

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 (23:53 IST)
Donald Trump tariffs News : अमेरिका ने भारत से आयातित वस्तुओं पर शुक्रवार को 25 प्रतिशत का शुल्क लगा दिया जिससे लगभग 86 अरब डॉलर के वार्षिक निर्यात का लगभग आधा हिस्सा प्रभावित हो सकता है। हालांकि दवाओं, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों एवं पेट्रोलियम उत्पादों जैसे प्रमुख क्षेत्रों को इस शुल्क से छूट दी गई है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के इस निर्णय के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। हालांकि सूत्रों ने यह स्पष्ट किया कि भारत कृषि, डेयरी और आनुवंशिक रूप से संवर्धित (जीएम) उत्पादों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
 
व्यापार समझौते को लेकर वार्ता का छठा दौर 25 अगस्त को भारत में आयोजित होगा। इस बातचीत में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी दल आएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से घोषित शुल्क का सर्वाधिक असर उन क्षेत्रों पर पड़ेगा जिनका भारत अमेरिका को निर्यात बड़े पैमाने पर करता है। इनमें वस्त्र एवं परिधान (10.3 अरब डॉलर), रत्न एवं आभूषण (12 अरब डॉलर), झींगा (2.24 अरब डॉलर), चमड़ा एवं फुटवियर (1.18 अरब डॉलर), पशु उत्पाद (दो अरब डॉलर), रसायन (2.34 अरब डॉलर) और बिजली एवं मशीन उपकरण (लगभग नौ अरब डॉलर) शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, भारत से अमेरिका को निर्यातित वस्तुओं का लगभग आधा हिस्सा ऐसे क्षेत्रों से आता है जिन्हें शुल्क से छूट मिली है। इनमें दवाएं, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। इस तरह शुल्क का प्रभाव केवल आधे निर्यात पर ही पड़ेगा।
 
विशेषज्ञों का मानना है कि यह शुल्क न केवल भारत के निर्यातकों को प्रभावित करेगा बल्कि वैश्विक व्यापार में भी अस्थिरता ला सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका संरक्षणवादी नीतियों की ओर झुकाव दिखा रहा है। भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस कदम पर कोई सीधी सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन संकेत दिए हैं कि वह राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बगैर अमेरिका के साथ संवाद जारी रखेगा।
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की आलोचना या उच्च शुल्क पर सीधी टिप्पणी करने से परहेज करते हुए शुक्रवार को कहा, भारत और अमेरिका की साझेदारी समय-समय पर कई बदलावों एवं चुनौतियों से गुजरी है। हम अपनी द्विपक्षीय प्रतिबद्धताओं पर केंद्रित हैं और हमें विश्वास है कि संबंध आगे भी मजबूत होंगे।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों से लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है। जायसवाल ने भारत-रूस ऊर्जा संबंधों पर कहा, हम अपनी ऊर्जा जरूरतों को वैश्विक परिस्थितियों और बाजार में उपलब्ध विकल्पों के आधार पर तय करते हैं।
ट्रंप ने 30 जुलाई की अपनी घोषणा के अनुरूप बृहस्पतिवार को एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए भारत के लिए 25 प्रतिशत ‘समायोजित जवाबी शुल्क’ लगा दिया। हालांकि रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीद को लेकर घोषित अतिरिक्त 'जुर्माने' का इस आदेश में जिक्र नहीं है।
 
हालांकि ट्रंप प्रशासन ने शुल्क लागू होने के लिए एक अगस्त की समयसीमा तय की हुई थी लेकिन इस आदेश में नई दरों को सात अगस्त से प्रभावी होने की बात कही गई है। भारतीय निर्यातकों के संगठन फिओ के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि इस आदेश के तहत उन वस्तुओं को छूट दी गई है जो सात अगस्त से पहले अमेरिका के लिए रवाना हो चुके हैं और पांच अक्टूबर तक उपभोग के लिए जारी हो जाएंगे।
एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व अमेरिकी व्यापार उप प्रतिनिधि वेंडी कटलर ने कहा कि भारत पर ‘25 प्रतिशत शुल्क’ लगाने से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के भविष्य पर सवाल उठते हैं। ट्रंप ने इस साल दो अप्रैल से पहली बार भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाया था। हालांकि कुछ दिन बाद ही उसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था। जुलाई की शुरुआत में ट्रंप ने इसे फिर से एक अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।
 
दरअसल यह संभावना जताई जा रही थी कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता होने की स्थिति में यह शुल्क घोषणा निरस्त हो जाएगी। लेकिन कुछ प्रमुख बिंदुओं पर दोनों पक्षों के अडिग रहने के बाद निर्धारित समय तक यह समझौता नहीं हो पाया।
ट्रंप के कार्यकारी आदेश में कुछ देशों को 10 से 40 प्रतिशत के बीच शुल्क की श्रेणी में रखा गया है जिनमें जापान (15 प्रतिशत), श्रीलंका (20 प्रतिशत), पाकिस्तान (19 प्रतिशत) और म्यांमार एवं लाओस (40-40 प्रतिशत) शामिल हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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