देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में यमुनोत्री धाम से 25 किलोमीटर पहले रानाचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन से हाईवे का 15 मीटर हिस्सा धंस गया है। इससे 4200 तीर्थयात्री यहाँ सडक के दोनों तरफ रास्तों में फंस गए हैं।
यमुनोत्री धाम से 25 किमी पहले रानाचट्टी के पास यमुनोत्री हाईवे का 15 मीटर हिस्सा धंसने से केवल छोटे वाहन ही निकल पा रहे हैं। इससे बड़े वाहनों की आवाजाही ठप होने से बसों के जरिये जानकीचट्टी से बड़कोट की ओर आने वाले 1200 और बड़कोट से जानकीचट्टी की ओर जाने वाले लगभग तीन हजार यात्री बड़कोट और स्यानाचट्टी के बीच फंस गए हैं।
जिला उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि राणाचट्टी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड की टीम हाईवे सुचारु करने में जुटी है। पहाड़ी को काटकर सड़क को चौड़ा किया जाना है। सड़क के ऊपरी तरफ चट्टान होने के कारण इसमें समय लगेगा, इसलिए बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए गुरुवार शाम तक रास्ता तैयार होने की संभावना है।
बुधवार शाम हल्की बारिश के बीच करीब छह बजे रानाचट्टी के पास अचानक यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के निचले हिस्से में भूस्खलन हुआ। इसके कारण हाईवे का करीब 15 मीटर लंबा और तीन मीटर चौड़ा हिस्सा धंस गया।
सड़क का आधे से अधिक हिस्सा धंस जाने के कारण यात्रियों की बड़ी बसों का निकलना मुश्किल हो गया। केवल यात्रियों के छोटे वाहन ही किसी तरह निकल पा रहे हैं। सड़क अवरुद्ध होने से बड़े वाहनों से यात्रा के लिए पहुंचे श्रद्धालु फंस गए।
यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद बड़कोट की ओर लौट रहे 1200 से अधिक यात्री रानाचट्टी और जानकीचट्टी के बीच फंसे हुए हैं। जबकि, बड़कोट से जानकी चट्टी की ओर जाने वाले यात्री बसों को स्याना चट्टी के पास रोका जा रहा है। इन बसों में करीब तीन हजार से अधिक यात्री हैं।
जिस स्थान पर हाईवे भूस्खलन की चपेट में आया है, वहां हाईवे सुचारु करने में समय लगेगा। क्योंकि सड़क को चौड़ा करने के लिए पहाड़ी से कठोर चट्टान काटने में समय लगने की संभावना है। इसके साथ ही भूस्खलन की जद में आई सड़क की दीवार लगाने में भी लंबा समय लगेगा।
ड़कोट के थाना निरीक्षक गजेंद्र बहुगुणा ने बताया कि राना चट्टी से जानकीचट्टी के बीच बड़कोट लौटने वाली 24 बड़ी बसें और 17 मिनी बसें फंसी हैं। इन्हें जानकीचट्टी, खरसाली, फूलचट्टी, कृष्णाचट्टी, हनुमानचट्टी पड़ाव पर रोका गया है। सड़क सुचारु होने पर ही यात्रियों की बसें निकल पाएंगी।