नई दिल्ली। नोटबंदी और जीएसटी के बाद खबरें आ रही थीं कि सरकार चेक को भी बंद कर देगी। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस सुविधा को लेने का उसका कोई प्रस्ताव नहीं है।
अखबारों और सोशल साइट्स पर खबरें आ रही थीं कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद सरकार चेकबंदी का फैसला ले सकती है। अखबारों में खबरें थीं कि फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि पूरी संभावना है कि सरकार चेक बुक को बंद कर दे।
सरकार ने स्पष्ट किया चेक बुक सुविधा को वापस लेने को कोई प्रस्ताव नहीं है और वह इस तरह के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही। वित्त मंत्रालय ने मीडिया में इस आशय की आई खबरों का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि केंद्र सरकार देश में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निकट भविष्य में बैंकों खाताधारकों को दी जाने वाली चेक बुक सुविधा को समाप्त कर सकती है।