नई दिल्ली। भारत ने मध्य प्रदेश में 12 चीतों के स्थानांतरण के लिए दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये चीते जल्द ही कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पहुंच जाएंगे। 6 महीने से भी अधिक समय से 12 दक्षिण अफ्रीकी चीते पृथक-वास में हैं और उनके इस महीने कुनो पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन दक्षिण अफ्रीका में कुछ प्रक्रियाओं में समय लगने के कारण उनके स्थानांतरण में देरी हुई।
पर्यावरण मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समझौते पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किया गया और 15 फरवरी तक 6 नर और 5 मादा चीतों के कुनो पहुंचने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि अफ्रीका ने भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत 8 से 10 साल तक भारत में हर वर्ष 12 चीतों को लाया जाएगा। ये चीते नामीबिया से लाए गए चीतों के साथ ही रहेंगे।
अत्यधिक शिकार और आवासन क्षेत्र की कमी के कारण भारत में चीते पूरी तरह से लुप्त हो गए थे। आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में देखा गया था जिसकी 1947 में मौत हो गई थी और 1952 में इस प्रजाति को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन पर चीता पुनर्वास कार्यक्रम के तहत पांच मादा और तीन नर चीतों के पहले समूह को नामीबिया से भारत लाया गया और उन्हें कुनो के एक बाड़े में पृथक-वास में रखा गया था।