नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया लिमिटेड के निदेशकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के इकबालिया बयानों के आधार पर सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को बुधवार को गिरफ्तार किया। मुखर्जी दंपति के इस बयान से पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने बयान में आरोप लगाया था कि उन्होंने कार्ति के पिता पी चिदंबरम के निर्देशों पर एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए उन्हें (कार्ति) को सात लाख अमेरिकी डॉलर दिए थे।
उन्होंने बताया कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के बयान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किए थे। ईडी इस मामले की काले धन को सफेद करना (मनी लांड्रिंग) के नजरिये से जांच कर रही है जबकि सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष इंद्राणी दंपती के बयान दर्ज किए थे। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति को लंदन से लौटते ही चेन्नई हवाई अड्डे पर कार्ति (46) को गिरफ्तार कर लिया था।
पीटर और इंद्राणी ने आरोप लगाया था कि वे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से उनके नार्थ ब्लॉक कार्यालय में मिले थे और उनसे उनकी मीडिया कंपनी में विदेश निवेश के लिए क्लीयरेंस की मांग की थी।
अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम ने इसके बाद उनसे कहा था कि उनके बेटे के व्यवसाय में मदद करो। उन्होंने बताया कि दंपती ने यह भी स्वीकार किया था कि वे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में कार्ति से मिले थे जहां उन्होंने कथित रूप से 10 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। अधिकारियों ने बताया कि इंद्राणी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष भी यह बयान दोहराया है। (भाषा)