भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि उन्होंने (वरुण सिंह) सदैव गर्व, वीरता, प्रोफेशनलिज्म एवं समर्पण के साथ मां भारती की सेवा की। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर कल शाम भोपाल लाया जाएगा और 17 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से काफी गहरा नाता था। वरुण के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह सेना में थे और अब अपनी पत्नी के साथ भोपाल में ही रहते हैं। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की खबर मिलते ही भोपाल में उनके पड़ोसी भी शोक में डूब गए हैं।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का परिवार भोपाल में नहीं है लेकिन उनके निधन की सूचना मिलते ही पड़ोसी उनके घर के पास इकट्ठा हुए और अपनी संवेदना दी। उनके पड़ोसी बताते हैं कि पिता केपी सिंह के माध्यम से वरुण सिंह के निधन की सूचना मिली थी।
भोपाल में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पड़ोसी कर्नल ईशान सिंह के मुताबिक, दो सप्ताह पहले ही वरुण भोपाल आए थे और 10 दिन परिवार के साथ थे। आज उनके पड़ोसी उनके साथ बिताए हुए दिनों को याद कर भावुक हो उठे।
तमिलनाडु में कुन्नूर के पास आठ दिसंबर हुए हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार सुबह बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की जान चली गई थी।
चौहान ने सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया, इस हेलीकॉप्टर हादसे में अकेले कैप्टन वरुण सिंह ही थे, जो अब तक जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। शौर्य चक्र से सम्मानित कैप्टन ने जीवन का हर क्षण एक योद्धा की तरह व्यतीत किया और अंतिम क्षण को भी उन्होंने एक योद्धा की भांति जिया। उन्होंने कहा, वे सदैव देश की स्मृतियों में रहेंगे।
चौहान ने कहा, तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर हादसे में (भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष) सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के रूप में आज राष्ट्र ने अपने वीर सपूत को खो दिया। उन्होंने सदैव गर्व, वीरता, प्रोफेशनलिज्म एवं समर्पण के साथ मां भारती की सेवा की। उनके सेवा और समर्पण को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।