नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) के संसद में दिए बयान बाद चीन ने बौखलाहट में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प का सच आखिरकार उगल ही दिया।
दरअसल, चीन अब तक चीन यह भी मानने को तैयार नहीं था कि इस झड़प में उसका कोई नुकसान हुआ था। हालांकि बीच-बीच चीन सैनिकों की कब्र के फोटो जरूर सोशल मीडिया पर सामने आए थे। अंतत: चीन ने स्वीकार किया है कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में उसके सैनिकों की भी मौत हुई थी।
चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया है 15 जून की झड़प में चीनी सैनिकों को भी नुकसान पहुंचा था, लेकिन यह भारत की तुलना में कम था। ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ हू झिजिन ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय सेना द्वारा किसी भी चीनी सैनिक को नहीं पकड़ा गया था, जबकि पीएलए ने कई भारतीय सैनिकों को पकड़ा था।
तीन महीने बाद ही सही लेकिन चीन ने यह तो मान लिया कि खूनी झड़प में उसको भी नुकसान पहुंचा। हालांकि अभी भी वह सच्चाई छिपा रहा है। पिछले दिनों अमेरिकी अखबार न्यूजवीक ने पिछले दिनों दावा किया था कि चीन के 60 सैनिकों की मौत हुई थी। अत: माना जा सकता है कि अभी चीन ने आधा सच ही कबूल किया है।
उल्लेखनीय है कि 15-16 की रात को गलवान घाटी में हुई इस झड़प में भारत के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे।