बीजिंग। चीन ने अपने रक्षा बजट को पिछले साल के 177.6 अरब डॉलर से बढ़ाकर 179 अरब डॉलर कर दिया है। यह भारत के रक्षा बजट का करीब 3 गुना है। हालांकि, कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था में आए भारी व्यवधान के चलते हाल के वर्षों में की गई ये सबसे कम बढ़ोतरी है।
देश की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) में शुक्रवार को पेश किए गए एक मसौदा बजट रिपोर्ट के अनुसार 2020 में चीन के रक्षा बजट की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहेगी।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ न्यूज ने बताया कि इस तरह लगातार पांचवे वर्ष चीन के रक्षा बजट में 10 प्रतिशत से कम बढ़ोतरी होगी। चीन के पास 20 लाख सैनिकों का दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य बल है।
एनपीसी को सौंपे गए मसौदा रक्षा बजट के अनुसार इस साल चीन का रक्षा बजट 1,270 अरब युआन (करीब 179 अरब डॉलर) का होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में चीन का कुल रक्षा व्यय अमेरिका के मुकाबले एक चौथाई था, जबकि प्रति व्यक्ति रक्षा व्यय अमेरिका के 17वें हिस्से के बराबर था।
एनपीसी के प्रवक्ता झांग युसुई ने चीन के रक्षा बजट में पारदर्शिता का अभाव होने की बात से इनकार किया। रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि बीजिंग के सैन्य और आधुनिक हथियारों का विस्तार उसकी घोषणाओं के मुकाबले बहुत अधिक है।
झांग ने कहा कि चीन का रक्षा बजट उसकी जीडीपी के मुकाबले करीब 1.3 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देश का कोई छिपा हुआ सैन्य खर्च नहीं है। चीन 2007 से हर साल संयुक्त राष्ट्र को अपने सैन्य खर्चों की रिपोर्ट देता रहा है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार 2019 में चीन का रक्षा खर्च 232 अरब अमरीकी डॉलर था। चीन के भारी रक्षा व्यय के चलते भारत और कई अन्य देशों को अपना रक्षा व्यय बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है, ताकि शक्ति संतुलन कायम रखा जा सके।
इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस एंड एनालिसिस (IDSA) के अनुसार भारत का रक्षा बजट 2020 में 66.9 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस तरह चीन का ताजा रक्षा बजट भारत के मुकाबले 2.7 गुना अधिक है। (भाषा)