लद्दाख में LAC के बाद कैलाश मानसरोवर में सामने आई चीन की चालबाजी, तैनात की मिसाइलें, बढ़ाई सैनिकों की संख्या

Webdunia
सोमवार, 24 अगस्त 2020 (16:32 IST)
चीन (China) अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख में LAC पर बातचीत के बाद भी चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं हैंं, वहीं अब उसकी नई हरकत सामने आई है। खबरें हैं कि चीन ने पवित्र धार्मिक स्थल कैलास मानसरोवर (Kailash Mansarovar) के आसपास भारी संख्या में मिलिट्री की तैनाती कर दी है। उसे युद्ध क्षेत्र में तब्दील कर दिया है। भारतीय सेना भी उसे हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
 
इंडिया टुडे की खबर के अनुसार कैलाश मानसरोवर के आसपास इलाके में उसने भारी मिलिट्री उपकरणों की तैनाती कर दी है। वहां चीन ने युद्ध जैसा माहौल तैयार कर दिया है। कैलाश मानसरोवर हिन्दुओं का पवित्र तीर्थस्थल है, जो तिब्बत (Tibet) में पड़ता है। इस पर चीन का कब्जा है। इस इलाके में पहले चीन के बहुत कम जवान रहते थे, अब आसपास के इलाके को सेना की छावनी में तब्दील कर दिया। वहां कई होटल और घर बन गए हैं जिनमें चीनी सैनिक ही हैं। चीन ने भारत पर दबाव बनाने के लिए मई और जून में वहां के कुछ वीडियोज भी जारी किए थे। इसमें मानसरोवर के पास वाली सड़क पर चीनी टैंक घूमते दिखाई दे रहे थे।
 
खबरों के अनुसार वहां मिलिट्री उपकरणों की तैनाती के काम को लद्दाख टेंशन के बीच अप्रैल में शुरू किया था। ताजा सैटेलाइट इमेज में चीन की यह खुराफाती हरकत नजर आई है। खबरों के अनुसार चीन ने कैलाश मानसरोवर पास ही अन्य उपकरणों के साथ सर्फेस-टू-एयर मिसाइल की भी तैनाती की है। हालांकि चीन की विस्तारवादी षड्‍यंत्र का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी भारत ने कर रखी है। भारत दुश्मन की हर चाल पर नजर रखे हुए है। 
लिपुलेख में सड़क बनाने से चिढ़ा चीन : भारत ने 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित कैलाश मानसरोवर जाने के लिए लिपुलेख के पास 80 किलोमीटर लंबी सड़क बनवाई थी। चीन के इशारे पर नेपाल ने भी सड़क बनाने का विरोध किया था। फिर उसने इस इलाके को फिर से अपना बताते हुए नया नक्शा तक जारी कर दिया था। 80 किलोमीटर की इस सड़क से श्रद्धालुओं के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा छोटी और आसान हो गई थी। 
 
बहाना श्रद्धालुओं की सुरक्षा का : कैलाश मानसरोवर और आसपास की नई तस्वीरें 16 अगस्त को सामने आई हैं। तस्वीरों के मुताबिक सर्फेस-टू-एयर मिसाइलों को चीन ने ट्रेपोलिन के नीचे छिपा रखा है। मिसाइल भारत बॉर्डर से 90 किलोमीटर की दूरी पर है। चीन ने पहले से ही यहां सैनिकों की संख्या बढ़ानी शुरू कर दी थी, लेकिन तब तक लग रहा था कि वह ऐसा श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कर रहा है।

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