LAC पर चीन ने 3 साल में बनाए 13 नए सैन्य ठिकाने, इनमें 5 एयर डिफेंस यूनिट्स और 5 हेलीपोर्ट : रिपोर्ट

Webdunia
मंगलवार, 22 सितम्बर 2020 (23:53 IST)
नई दिल्ली। चीन (china) ने 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पूरी तरह से नए कम से कम 13 सैन्य ठिकानों का निर्माण शुरू कर दिया है जिनमें 3 हवाई प्रतिष्ठान, 5 स्थायी हवाई रक्षा ठिकाने और 5 हेलीपोर्ट शामिल हैं। यह बात वैश्विक सुरक्षा सलाहकार संस्था ‘स्ट्रैटफॉर’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है।
ALSO READ: LAC : भारत-चीन ने जारी किया संयुक्त बयान, फ्रंटलाइन पर और सैनिक नहीं भेजेंगे दोनों देश
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नए हेलीपोर्ट में से 4 का निर्माण मई में पूर्वी लद्दाख में हालिया गतिरोध सामने आने के बाद शुरू हुआ है। इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि 2017 के डोकलाम गतिरोध ने चीन के रणनीतिक उद्देश्यों को बदल दिया है और वह पिछले तीन साल से भारतीय सीमा के पास अपने हवाई प्रतिष्ठानों, हवाई रक्षा ठिकानों और हेलीपोर्ट की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा कर रहा है। 
 
सुरक्षा विशेषज्ञ सिम टैक द्वारा लिखी गई यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई। इसमें कहा गया है कि भविष्य की सैन्य क्षमता वाले चीन के निर्माण अभियान से भारत के साथ उसका दीर्घकालिक क्षेत्रीय तनाव पैदा होगा।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि राफेल लड़ाकू विमानों की हालिया खरीद ने भारत को थोड़ी राहत देनी शुरू कर दी है, लेकिन स्वदेशी उत्पादन और विदेशी खरीद से भारतीय वायुसेना की शक्ति के वास्तविक पुनर्निर्माण को देखने के लिए अभी और अधिक समय की जरूरत होगी।
ALSO READ: राजनाथ के बयान के बाद बौखलाए चीन ने उगला 15 जून का सच...
इसमें कहा गया है कि लद्दाख क्षेत्र में जारी तनाव ने चीन के चल रहे सैन्य ढांचा अभियान के जवाब में भारतीय प्रतिक्रिया नीति की शुरुआत कर दी है।
 
रिपोर्ट ‘ए मिलिटरी ड्राइव स्पेल्स आउट चाइनाज इंटेंट अलांग द इंडियन बॉर्डर’ में कहा गया है कि चीन के स्थायी सैन्य ढांचे का तेजी से विस्तार बीजिंग के इरादों को स्पष्ट करता है।
 
इसमें कहा गया है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच जून 2017 में डोकलाम में तनातनी हुई। तभी से चीन ने भारत की सीमा के नजदीक पूरी तरह नए कम से कम 13 सैन्य ठिकानों का निर्माण शुरू कर दिया है जिनमें 3 हवाई प्रतिष्ठान, 5 स्थायी हवाई रक्षा ठिकाने और 5 हेलीपोर्ट शामिल हैं।
ALSO READ: नहीं सुधरेगा चीन, अब सर्दियों के लिए तैयारी कर रही है भारतीय सेना
वर्ष 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था जिससे परमाणु संपन्न दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया था। कई दौर की वार्ता के बाद इस गतिरोध का अंत हुआ था। दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत मई से पूर्वी लद्दाख में कई जगह तनातनी जारी है। गलवान घाटी में संघर्ष के बाद हाल में दोनों पक्षों के बीच पैंगोंग सो क्षेत्र में भी टकराव हुआ था।
 
वर्तमान गतिरोध 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सबसे बड़े सैन्य गतिरोध में तब्दील होता जा रहा है। दोनों देशों की सेनाएं भारी अस्त्र-शस्त्रों के साथ एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं।  (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

CM धामी ने बदले 18 स्थानों के नाम, औरंगजेबपुर हुआ शिवाजी नगर

कौन हैं निधि तिवारी, बनीं पीएम मोदी की Personal Secretary?

जानिए कौन हैं घिबली' आर्ट की शुरुआत करने वाले हयाओ मियाजाकी, कितनी संपत्ति के हैं मालिक

सावधान! अप्रैल-जून में पड़ेगी सामान्य से ज्यादा गर्मी, लू से होगा सामना

1 अप्रैल की रात से बैंकिंग से लेकर यूपीआई तक बदल रहे हैं ये नियम

सभी देखें

नवीनतम

लोकसभा में बुधवार को वक्फ बिल पर मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा, जानिए क्या है सदन की संख्या से लेकर सियासत तक समीकरण?

महंगा हुआ नेशनल हाईवे पर सफर, NHAI ने टोल 4 से 5 फीसदी बढ़ाया

राजस्थान में राज्य कर्मचारियों का DA 2 फीसदी बढ़ा

गुजरात के बनासकांठा में पटाखा फैक्टरी में आग, 18 की मौत

चीन-बांग्लादेश-पाकिस्तान की तिकड़ी भारत के लिए खतरे की घंटी, भारत क्‍यों दे रहा ईद की बधाई?

अगला लेख