पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की बढ़ती संख्या से भारत का अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग पॉइंट पीपी 10 से लेकर 13 तक का संपर्क कट गया है।
एक अंग्रेजी अखबार का दावा है कि चीन ने टुकड़ियां तैनात कर भारतीय सेना की गश्त रोक दी। अखबार के अनुसार हाल ही में हुए तनाव के कई हफ्ते पहले ही चीनी सेना ने डेपसांग मैदानों में भारत का संपर्क अपने ही क्षेत्र से काटने की चाल चली है।
सूत्रों के अनुसार डेपसांग प्लेन्स इलाके में चीन ने अपनी दो ब्रिगेड तैनात की हैं, जिससे भारत का अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग पॉइंट पीपी 10 से लेकर 13 तक का संपर्क कट गया है। हालांकि पिछले कई वर्षों से भारतीय सेना इन क्षेत्रों में नियमित तौर पर पेट्रोलिंग नहीं कर रही थी।
डेपसांग प्लेन्स भारत के लिए सामरिक महत्व का है। 972 वर्ग किमी में फैला डेपसांग प्लेन्स लद्दाख की इकलौती जगह है, जहां की जमीन बिल्कुल समतल है और इसके अलावा पूर्व में काराकोरम पास के नजदीक स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डडी पोस्ट से महज 30 किलोमीटर दूर है।
सेना के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान भी इस मौके का फायदा उठाना चाहता है और इसी कारण नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना नियमित रूप से संघर्ष विराम उल्लंघन और घुसपैठ के प्रयासों में लगी है।
भारतीय सेना के लिए अब एक और मोर्चे पर ध्यान देना जरूरी है, बताया जा रहा है कि नियंत्रण रेखा के पास सियाचीन की तरफ भी पाकिस्तानी सेना ने अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। उल्लेखनीय है कि सियाचीन डेपसांग मैदानों के 80 किमी पश्चिम में स्थित है।
इसके मद्देनजर सेना की इंजीनियरिंग कॉर्प्स और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने पैंगोंग को जोड़ने वाली 17,000 फीट से ऊंची चांगला पास और खरदुंगला पास को बर्फ से साफ रखने का इंतजाम कर लिए हैं। सेना का कहना है कि वे दारचा-पदम-नीमू-लेह सड़क दिसंबर-जनवरी में भी बर्फ से मुक्त रखी रहेगी, ताकि सप्लाई चेन बरकरार रहे।