नई दिल्ली/बीजिंग। चीन ने भारत से लगे सीमावर्ती इलाकों में रास्ता भटककर चले गए और भारतीय थल सेना द्वारा पकड़े गए अपने एक जवान को तत्काल वापस भेजने की शनिवार को अपील की।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी तट पर भारतीय भू-भाग में प्रवेश कर जाने के बाद एक चीनी सैनिक को भारतीय थल सेना ने शुक्रवार को पकड़ लिया। पिछले करीब तीन महीने में यह इस तरह की दूसरी घटना है। यह जानकारी भारतीय आधिकारियों ने शनिवार को दी।
चीन का सैनिक ऐसे समय पकड़ा गया है, जब मई की शुरुआत में पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच झड़प और सीमा पर तनाव उत्पन्न होने के बाद भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है। बीजिंग में चीनी सेना ने पुष्टि की कि उसका एक जवान चीन-भारत सीमावर्ती इलाकों में रास्ता भटक गया।
पीएलए की आधिकारिक वेबसाइट में कहा गया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अग्रिम रक्षा बल का एक जवान अंधेरे और जटिल भौगोलिक स्थिति के कारण चीन-भारत की सीमा पर शुक्रवार तड़के रास्ता भटक गया। उसने कहा कि पीएलए अग्रिम रक्षा बल ने भारतीय पक्ष को इस बारे में इस उम्मीद से सूचना दी कि भारतीय पक्ष लापता चीनी जवान की तलाश और उसे बचाने में मदद कर सकता है।
पीएलए ने कहा कि भारतीय पक्ष ने करीब दो घंटे बाद पुष्टि की कि लापता जवान मिल गया है और उसे उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद चीन की ओर भेज दिया जाएगा।
उसने कहा कि भारतीय पक्ष को दोनों देशों के बीच हुए संबद्ध समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए और लापता जवान को चीन भेजने में देर नहीं करनी चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने और चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में मिलकर शांति बनाए रखने में मदद मिल सके।
सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि लापता चीनी जवान के मामले में चीन और भारत मिलकर काम कर रहे है। सेना ने एक बयान में कहा कि पीएलए के सैनिक ने एलएसी पार की थी और उसे इस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया। चीनी सैनिकों के अभूतपूर्व जमावड़े और तैनाती के चलते गत वर्ष टकराव के बाद दोनों ओर से सैनिक एलएसी के पास तैनात किये गए हैं।
सेना ने कहा कि सैनिक को शुक्रवार को तड़के पकड़ा गया। पीएलए के पकड़े गए सैनिक के साथ तय प्रक्रियाओं के मुताबिक व्यवहार किया जा रहा है तथा इसकी जांच की जा रही है कि उसने किन परिस्थितियों में एलएसी पार की।
भारतीय सैनिकों ने पिछले साल 19 अक्टूबर को पीएलए के कॉर्पोरल वांग या लांग को पकड़ा था, जब वह लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में एलएसी पार करके भारत की सीमा में चला गया था। कॉर्पोरल को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर चीन को सौंपा गया था।