देहरादून। उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग ने संक्रमित राज्यों से मुर्गियों, चूजों और अंडों के आयात पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर कौवों की मौत के मौत के मामले सामने आने के बाद राज्य पशुपालन विभाग अलर्ट पर है।
बीते सोमवार को देहरादून के एसएसपी कार्यालय में कौवों के मरे मिलने के बाद शुक्रवार को पौड़ी जिले के कोटद्वार में कौवे मरे मिले।कौवों की मौत पर वन विभाग की ओर से सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।अब उसने यह भी तय किया है कि पशुपालन विभाग एहतियात के तौर पर पोल्ट्री फार्मों से सैंपल जांच के लिए भेजेगा।
पशुपालन निदेशक डॉ. केके जोशी का कहना है कि प्रदेश में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं मिला है।कौवों की मौत के कई कारण हो सकते हैं।पशुपालन विभाग ने जिला व ब्लाक स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम को नियमित रूप से पोल्ट्री फार्मों की निगरानी में लगा रखा है।विभाग की ओर से पोल्ट्री फार्मों से सैंपल जांच के लिए भेजे जाने का भी निर्णय विभाग ने लिया है।
यह भी तय हुआ है कि राज्य के पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलने पर अंडों व मुर्गियों का क्रय-विक्रय बंद किया जाएगा। प्रदेश में 408 बड़े लेयर और बॉयलर पोल्ट्री फार्म हैं। इसके अलावा 14 हजार से ज्यादा छोटे पोल्ट्री फार्म हैं।सरकारी महकमा इन सब पर निगरानी का दावा कर रहा है।
दूसरी तरफ प्रवासी पक्षियों को लेकर भी राजाजी नेशनल पार्क और कार्बेट पार्क के बीच स्थित पौड़ी गढ़वाल जिला प्रशासन, वन और पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है। पौड़ी जिले में जिला प्रशासन ने बाहरी राज्यों से मुर्गों की खरीद पर रोक लगा दी है।
साथ ही यूपी बॉर्डर समेत जिले की सीमाओं पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। इसके लिए पांच टीमें गठित हुई हैं।पौड़ी जिले में लैंसडौन वन प्रभाग और कार्बेट टाइगर रिजर्व के सोना नदी रेंज के कोल्हू नदी समेत आसपास के जंगल में सर्दी में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।वन विभाग इन क्षेत्रों में कड़ी नजर रख रहा है।
कौवे की मौत : शनिवार को रुड़की के सोत मोहल्ला स्थित नदी किनारे बर्ड फ्लू से कौवे मरने की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। तलाश करने पर एक कौवा मृत पड़ा मिला। कौवे मरने की सूचना पर वन विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग के कर्मचारी कौवे को अपने साथ ले गए हैं। हिमाचल प्रदेश में अब तक कई पक्षी बर्ड फ्लू की चपेट में बताए जा रहे हैं। हालांकि उत्तराखंड में अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।