इंदौर (मध्यप्रदेश)। मुर्गे-मुर्गियों के कुछ नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद इस संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए स्थानीय प्रशासन ने कुक्कुट प्रजाति के इन पक्षियों को मारने की मुहिम शुरू कर दी है। पिछले 24 घंटे के दौरान करीब 450 मुर्गे-मुर्गियों को मारकर गड्ढे में दबा दिया गया है।
इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के स्वास्थ्य अधिकारी उत्तम यादव ने शुक्रवार को बताया, हमने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मांस की कई दुकानें बंद करा दी हैं। इसके साथ ही, करीब 450 मुर्गे-मुर्गियों को तय प्रोटोकॉल के तहत मारकर मिट्टी में दबा दिया गया है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए शहरभर में सात दिनों के लिए पोल्ट्री कारोबार और मुर्गे-मुर्गियों के परिवहन पर रोक लगा दी गई है।
बर्ड फ्लू के प्रकोप के बीच शहर में कौओं और अन्य प्रजातियों के पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रमोद शर्मा ने बताया, शहर में शुक्रवार में 19 कौए, तीन बगुले और एक कोयल मरी पाई गई।उन्होंने बताया कि पिछले 11 दिन के भीतर शहर में अलग-अलग प्रजातियों के करीब 250 पक्षी मृत पाए गए हैं। इनमें कौओं की तादाद सबसे ज्यादा है।
अधिकारियों ने बताया कि इन्दौर में मुर्गे-मुर्गियों के कुछ नमूनों की शुरूआती जांच में गुरुवार को बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदेश सरकार ने जिले में अगले सात दिनों तक जीवित मुर्गे-मुर्गियों और चिकन की खरीदी-बिक्री तत्काल बंद कराए जाने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि इंदौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत मिले थे। अधिकारियों के मुताबिक पशु चिकित्सा विभाग ने इनमें से दो मृत कौओं के परीक्षण (ऑटोप्सी) के दौरान नमूने लेकर भोपाल की एक प्रयोगशाला में इनकी जांच कराई, तो इनमें बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हुई थी।(भाषा)