Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

पाक की साजिश में शामिल चीन, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों में पहुंचे चीनी अल्ट्रा सेट

पुलिस महानिदेशक बोले- होगा आतंकियों का सफाया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Jammu and Kashmir

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

श्रीनगर , रविवार, 23 जून 2024 (23:59 IST)
China-Pakistan nexus in terrorism : जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की साजिश में चीन भी शामिल हो गया है। चीन की एक और चालाकी सामने आई है। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों में अत्यधिक उन्नत चीनी दूरसंचार उपकरण 'अल्ट्रा सेट' जब्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण आतंकवादी समूहों के हाथों में पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि इससे नियंत्रण रेखा के पार से होने वाली घुसपैठ और शहरों तथा गांवों के बाहरी इलाकों में आतंकवादियों के संभावित रूप से रहने की चिंता भी पैदा हो गई है। मामले के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि मुख्य रूप से पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर से आने वाले विदेशी आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ मोबाइल हैंडसेट की जब्ती से संकेत मिलता है कि आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान में सरकारी तंत्र द्वारा प्रायोजित प्रशिक्षण, हथियार और गोला-बारूद मिल रहा है।
चीन की कंपनियों द्वारा पाकिस्तानी सेना के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए इन विशेष हैंडसेटों को पिछले वर्ष 17-18 जुलाई की मध्यरात्रि को जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले के सुरनकोट के सिंदराह टॉप क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के बाद तथा इस वर्ष 26 अप्रैल को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर के चेक मोहल्ला नौपोरा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के बाद जब्त किया गया था।
 
सुरनकोट मुठभेड़ में चार विदेशी आतंकवादी मारे गए, जबकि सोपोर में दो को मार गिराया गया। 'अल्ट्रा सेट' हैंडसेट पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में भी पाए गए हैं। 'अल्ट्रा सेट' सेल-फोन क्षमताओं को विशेष रेडियो उपकरणों के साथ जोड़ते हैं, जो ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल (जीएसएम) या कोड-डिवीजन मल्टीपल एक्सेस (सीडीएमए) जैसी पारंपरिक मोबाइल प्रौद्योगिकियों पर निर्भर नहीं होते हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि यह उपकरण संदेश प्रेषण और प्राप्ति के लिए रेडियो तरंगों पर काम करता है, तथा प्रत्येक 'अल्ट्रा सेट' सीमा पार स्थित नियंत्रण स्टेशन से जुड़ा होता है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों “अल्ट्रा सेट” एक-दूसरे तक नहीं पहुंच सकते।
उन्होंने कहा कि इन संदेशों को हैंडसेट से पाकिस्तान स्थित मास्टर सर्वर तक पहुंचाने के लिए चीनी उपग्रहों का उपयोग किया जाता है, संदेशों को बाइट्स में संपीड़ित कर भेजा जाता है। अधिकारियों ने बताया कि यह चीन द्वारा अपने प्रमुख सहयोगी पाकिस्तान को दी जा रही एक और मदद है। चीन काफी समय से नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की रक्षा क्षमताओं को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है।
webdunia
इस सहायता में ‘स्टीलहेड’ बंकरों का निर्माण, मानवरहित हवाई और लड़ाकू हवाईयान की व्यवस्था, एन्क्रिप्टेड संचार टावरों की स्थापना और भूमिगत फाइबर केबल बिछाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, लक्ष्य पहचान क्षमताओं में सुधार के लिए “जेवाई” और “एचजीआर” श्रृंखला जैसी चीनी रडार प्रणालियों को तैनात किया गया है, जबकि एसएच-15  ट्रक-पर लगे हॉवित्जर जैसे उन्नत हथियार नियंत्रण रेखा के विभिन्न स्थानों पर देखे गए हैं।
 
पीओके में चीन का निर्माण : इन प्रयासों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चीन के रणनीतिक हितों को मजबूत करने के रूप में माना जाता है, विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के संबंध में। अग्रिम चौकियों पर जनमुक्ति सेना (पीएलए) के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति का हालांकि पता नहीं चला, लेकिन ‘टैप’ किये गये संदेशों से पता चलता है कि चीनी सैनिक और इंजीनियर नियंत्रण रेखा के पास बुनियादी ढांचे के विकास में शामिल हैं, जिसमें पीओके की लीपा घाटी में भूमिगत बंकरों और सुरंगों का निर्माण भी शामिल है।
 
माना जा रहा है कि इन कार्यों से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह और चीन के शिनजियांग प्रांत के बीच काराकोरम राजमार्ग के माध्यम से एक सीधा मार्ग स्थापित करने में मदद मिलेगी।
विदेशी आतंकियों का सफाया होगा : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने रविवार को कहा कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अधिनियम के तहत निपटा जाएगा, जो गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) से कहीं अधिक कठोर है।
 
स्वैन ने दावा किया कि अगले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र से सभी विदेशी आतंकवादियों का सफाया कर दिया जाएगा। पुलिस प्रमुख ने यहां एक समारोह में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने रियासी जिले में नौ जून को तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
 
उन्होंने कहा कि यहां की पुलिस ने 12 जून को कठुआ जिले में हुई गोलीबारी की घटना के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है और मामले को राज्य जांच एजेंसी को सौंप दिया गया है।
 
रियासी, डोडा और कठुआ जिलों में 9 से 12 जून के बीच चार आतंकी घटनाओं में शिव खोरी मंदिर से लौट रहे सात तीर्थयात्रियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान सहित दस लोगों की मौत हो गई थी तथा कई अन्य घायल हो गए थे। कठुआ में हुई एक मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए।
 
शत्रु एजेंट अधिनियम के तहत कार्रवाई : पुलिस प्रमुख ने कहा कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करते पाए जाने वाले स्थानीय लोगों पर शत्रु एजेंट अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें न्यूनतम आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान है। 1948 में पाकिस्तानी हमलावरों या आक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया यह अधिनियम यूएपीए से कहीं अधिक कठोर है।"
 
विदेशी अदालतों में मुकदमे : उन्होंने कहा कि भाड़े के विदेशी आतंकवादियों का यहां कोई स्थान नहीं है और वे केवल नागरिकों की हत्या करने, सरकार को अस्थिर करने तथा लोगों पर अपनी विचारधारा थोपने के लिए आते हैं। स्वैन ने कहा कि 2005 में जम्मू से आतंकवाद का सफाया हो गया था। उन्होंने इसे फिर से खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि शत्रु एजेंट अधिनियम के तहत गिरफ्तार लोगों के मुकदमे के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी। इनपुट भाषा Edited by : Sudheer Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

MPPSC परीक्षा पेपर लीक की खबर फर्जी, दर्ज हुई FIR