ममता बनर्जी 2024 में कांग्रेस की मदद को राजी, लेकिन माननी होगी यह शर्त...

Webdunia
सोमवार, 15 मई 2023 (19:16 IST)
Mamta Banerjee News: म बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने नसीहत भरे अंदाज में कहा है कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में कांग्रेस की मदद के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में उनका विरोध छोड़ना होगा और मदद भी करनी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देशभर में 200 सीटों पर मजबूत और वह उन सभी सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। 
 
विपक्षी एकता की कवायद के बीच ममता के इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ममता ने कहा कि कांग्रेस जिन सीटों पर मजबूत हैं, वहां हम उसकी मदद करेंगे। हमारे कैलकुलेशन के मुताबिक कांग्रेस 200 सीटों पर मजबूत है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को हमारी मदद करनी होगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कांग्रेस को केवल उन्हीं सीटों पर मदद दी जाएगी जहां वह मजबूत स्थिति में है।
 
शर्त भी रखी : यह पहली बार है जब बनर्जी ने आगे की चुनावी लड़ाई में विपक्षी एकता के लिए संभावित रणनीति पर तृणमूल कांग्रेस के रुख को लेकर स्थिति साफ की है। बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दीजिए। हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा।
 
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद है कि सीट बंटवारे के फार्मूले में उन क्षेत्रों में क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां वे मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बनर्जी ने इससे पहले कर्नाटक में भाजपा के सत्ता गंवाने के बाद वहां के लोगों को सलाम किया था। उन्होंने हालांकि देश की सबसे पुरानी पार्टी का जिक्र करने से परहेज किया था। हाल के वर्षों में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस में टकराव देखने को मिला है।

2918 में भी विपक्ष को हुई थी गलतफहमी : दूसरी ओर, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि विपक्ष के नेताओं को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद उसी तरह की गलतफहमी हुई है जैसी 2018 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हुई थी। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि खुशफहमी का गलतफहमी बनना सियासी सेहत के लिए हानिकारक है।
 
नकवी ने कहा कि यही गलतफहमी 2018 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि के चुनाव में विपक्ष के बेहतर प्रदर्शन के बाद कुछ सियासी सूरमाओं को भी हो गई थी।
 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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