सीएम योगी जी तो पॉवरफुल हैं ही, CJI बीआर गवई ने क्यों कही यह बात
न्यायमूर्ति गवई ने कहा- संकट के समय देश को एकजुट रखने का श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए
Chief Justice BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने प्रयागराज में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी तो पॉवरफुल हैं ही। दरअसल, उन्होंने कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की टिप्पणी का हवाला देते हुए यह बात कही थी। मंत्री मेघवाल ने कहा था कि सीएम योगी इस देश के सबसे पॉवरफुल और कर्मठ मुख्यमंत्री हैं। इस न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि इलाहाबाद (प्रयागराज) की भूमि पॉवरफुल लोगों की है। योगी जी तो पॉवरफुल हैं ही।
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि देश पर जब भी संकट आया उसने मजबूती और एकजुटता के साथ उसका सामना किया और इसका श्रेय संविधान को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का मौलिक कर्तव्य देश के उस आखिरी नागरिक तक पहुंचना है, जिसे न्याय की जरूरत है। गवई ने कहा कि भारतीय संविधान लागू होने की 75 वर्ष की यात्रा में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ने सामाजिक और आर्थिक समानता लाने में बड़ा योगदान दिया है। कई ऐसे कानून लाए गए, जिसमें जमीदार से जमीन लेकर भूमिहीन व्यक्तियों को दी गई।
संविधान के मूल ढांचे में बदलाव का अधिकार नहीं : उन्होंने कहा कि समय समय पर इन कानूनों को चुनौती दी गई। 1973 से पहले उच्चतम न्यायालय का विचार था नीति निर्देशक सिद्धांत (डायरेक्टिव प्रिंसिपल) और मौलिक अधिकारों के बीच टकराव की स्थिति बनेगी तो मौलिक अधिकार ऊपर होगा। गवई ने कहा कि 1973 में 13 न्यायाधीशों का निर्णय आया कि संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है और इसके लिए वह मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, लेकिन उसके पास संविधान के मूल ढांचे में बदलाव करने का अधिकार नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इस पीठ ने यह भी कहा था कि मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक सिद्धांत दोनों ही संविधान की आत्मा हैं। ये दोनों संविधान के स्वर्ण रथ के दो पहिए हैं, जिसमें से यदि एक पहिया रोको तो पूरा रथ रुक जाएगा।
अधिवक्ता चैंबर भवन का उद्घाटन : न्यायमूर्ति गवई ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 680 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर भवन और मल्टी लेवल पार्किंग का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं कि बार और बेंच एक सिक्के के दो पहलू हैं। जब तक बार और बेंच साथ मिलकर काम नहीं करते तब तक न्याय के रथ को आगे नहीं बढ़ा सकते।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिवक्ताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश और केंद्र की सरकार सतत प्रयासरात है। इस दिशा में सात जनपदों में परिसर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है और इसके लिए 1700 करोड़ रुए जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अधिवक्ता निधि की राशि 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी है और इसके पात्र अधिवक्ताओं की आयु सीमा भी 60 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है। इसके लिए भी 500 करोड़ रुपए की निधि दी गई है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्मित मल्टीलेवल पार्किंग में 3 हजार 835 वाहनों की पार्किंग क्षमता है और साथ ही 2 हजार 366 चैंबर बनाए गए हैं। इस 14 मंजिला भवन के भूमिगत तल और भूतल सहित 5 मंजिल पार्किंग के लिए आरक्षित हैं। वहीं छह मंजिल अधिवक्ताओं के चैंबर के लिए समर्पित हैं। इस भवन में 26 लिफ्ट, 28 एस्कलेटर और चार ट्रैवलेटर्स बनाए गए हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala