पणजी। दलबदल करने के बाद जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिगंबर कामत से गोवा विधानसभा चुनाव से पहले मंदिर एवं गिरजाघर में कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा पार्टी के प्रति लिए गए निष्ठा के संकल्प के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि यह (दलबदल) ईश्वर की सहमति से किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री कामत एवं 7 अन्य कांग्रेस विधायक अब दलबदल कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। प्रदेश में 14 फरवरी के चुनाव से पहले नामांकन पत्र भरने के उपरांत कांग्रेस उम्मीदवारों ने एक मंदिर एवं गिरजाघर में संकल्प लिया था कि वे निर्वाचित होने पर पार्टी नहीं छोड़ेंगे। पार्टी ने संभवत: 2019 की घटना को ध्यान में रखते हुए यह ऐहतियात बरती थी। वर्ष 2019 में गोवा में कांग्रेस के 15 विधायक रातोरात भाजपा में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस न छोड़ने के संकल्प के बारे में पूछने पर कामत ने बुधवार को यहां कहा कि भाजपा में शामिल होने से पहले वे एक बार फिर मंदिर गए थे। उन्होंने कहा कि मैं पुन: मंदिर गया और ईश्वर से पूछा कि क्या किया जाए? ईश्वर ने मुझे कहा कि तुम्हारे लिए जो भी बेहतर हो, करो।
माइकल लोबो बोले कि मोदी के हाथ मजबूत करने के लिए भाजपा में आए : गोवा में बुधवार को भाजपा में शामिल हुए 8 कांग्रेस विधायकों में से एक माइकल लोबो ने कहा है कि उन सभी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हाथ मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाजपा में विलय करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में अब विपक्ष में महज 3 विधायक रह गए हैं। 8 विधायक- पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलियाह लोबो, राजेश फलदेसाई, केदार नाईक, संकल्प अमोनकर, एलेक्सो सेक्वीरा एवं रूडोल्ड फर्नांडीज आज बुधवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेट तनावडे की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।
सावंत की उपस्थित में लोबो ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल ने बुधवार को सुबह एक बैठक की जिसमें उन्होंने भाजपा में विलय का फैसला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हाथ मजबूत करने के लिए यह फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि गोवा से हमने 'कांग्रेस छोड़ो यात्रा' शुरू की है। उन्होंने कहा कि विलय प्रस्ताव विधानमंडल सचिव एवं मुख्यमंत्री को सौंप दिया गया है तथा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावडकर को भी इसके बारे में बता दिया गया है, जो फिलहाल नई दिल्ली में हैं।
दिगंबर कामत ने कहा कि भाजपा से जुड़ने का निर्णय उन्होंने स्थितियों के आधार पर लिया। (इस साल के प्रारंभ में गोवा विधानसभा चुनाव के बाद) जब मुझे पार्टी ने विपक्ष का नेता नहीं चुना तब मैंने अपना असंतोष प्रकट किया था। यदि आप गुलाम नबी आजाद (जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ी है) का पत्र देखें तो आप निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे। देश में प्रधानमंत्री मोदी के शासन में विकास नजर आ रहा है और भारतीयों को सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है।(भाषा)