Parliament issue News : कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस सत्र के दौरान जो कुछ किया, वो फासीवाद का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि शाह का समर्थन करके वह भी बाबासाहेब के अपमान में बराबर के भागीदार बने हैं। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि संसद परिसर में धक्कामुक्की की घटना की सीसीटीवी फुटेज जारी की जाए तथा उसकी ओर से पुलिस में की गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।
राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमित शाह के बयान से साबित हो गया कि यदि लोकसभा चुनाव में भाजपा को 400 सीटें मिलतीं तो बाबासाहेब का संविधान खत्म हो जाता और मोदी जी का संविधान होता। उन्होंने कहा, हम इस मांग पर कायम हैं कि गृहमंत्री को माफी मांगनी चाहिए और पद से इस्तीफा देना चाहिए। जिसने संविधान निर्माता का अपमान किया हो, उसे मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए।
तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफी मांगनी चाहिए क्योंकि शाह का समर्थन करके वह भी बाबासाहेब के अपमान में बराबर के भागीदार बने हैं। उन्होंने आरोप लगाया, हाल की घटनाओं पर नजर डालें तो जो कुछ मोदी सरकार ने किया है, वो फासीवाद का उदाहरण है। इसीलिए मैं कहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी एक फासीवादी पार्टी है।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा कितना भी ध्यान भटकाने की कोशिश कर ले, वो शाह के भाषण से संबंधित 12 सेकंड का वीडियो सत्तारूढ़ दल तथा शाह पर भारी पड़ेगा। उनका कहना था कि अगर भाजपा को लगता है कि प्राथमिकी दर्ज करने से राहुल गांधी जी झुक जाएंगे, तो ये उनकी गलतफहमी होगी।
अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन : कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रखा और विरोध में यहां एक रैली आयोजित की। प्रदर्शनकारियों ने राज्यसभा में बीआर आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग भी की।
कांग्रेस ने शाह से उनकी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग दोहराई और दावा किया कि यह आंबेडकर का अपमान है तथा उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं, पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों ने शाह की टिप्पणी के विरोध में सतवारी चौक पर मार्च निकाला।
कांग्रेस के झंडे और तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने शाह और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए तथा उनके (शाह के) इस्तीफे की मांग की। पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने प्रदर्शनकारियों को रोका, जिसके कारण थोड़ी झड़प हुई। कर्रा ने कहा, एक तरफ संसद में संविधान पर चर्चा हो रही थी और दूसरी तरफ केंद्रीय गृहमंत्री ने आंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। महान नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। (इनपुट भाषा)