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मजदूरों, कोरोना प्रभावित परिवारों से माफी मांगने की बजाय प्रधानमंत्री ने 'हंसी-ठिठोली' की : कांग्रेस

हमें फॉलो करें मजदूरों, कोरोना प्रभावित परिवारों से माफी मांगने की बजाय प्रधानमंत्री ने 'हंसी-ठिठोली' की : कांग्रेस
, सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (20:48 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए लॉकडाउन में परेशान होने वाले मजदूरों तथा कोरोनावायरस (Coronavirus) प्रभावित परिवारों से माफी मांगने की बजाय 'हंसी-ठिठोली' की।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, लॉकडाउन लगा मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भंवर में धकेलने वाले, ‘माफ़ी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे 'हाथ' पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सरकार के निकम्मेपन के कारण लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया, मग़र आज बेशर्मी से संसद में उनकी पीड़ा पर हंसी-ठिठोली की गई। याद रखा जाएगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘इको-सिस्टम’ वाले प्रहार पर पलटवार करते हुए कहा, आज सदन से साफ़ संदेश आया है- हम एक भी चुनाव हार जाएं तो ही पूरा 'ईको सिस्टम' काम करता, मतलब साफ़ है, भयंकर बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई, घटती आमदनी और बेतहाशा ग़रीबी से राहत चाहिए तो इन्हें चुनाव में हराना होगा- तो ही ईको सिस्टम काम करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आलोचना को जीवंत लोकतंत्र का ‘आभूषण’ और ‘अंध विरोध’ को लोकतंत्र का अनादर बताते हुए सोमवार को कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि बहुत से लोगों का कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं जिसका नतीजा उन्‍हें भुगतना पड़ रहा है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी को दशकों से अनेक राज्यों की जनता नकार चुकी है लेकिन उसका अहंकार नहीं जाता और वह अब भी ‘अंध विरोध’ में लगी है।

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस कोरोना काल में तो कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दुनियाभर को सलाह देता था, सारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ कह रहे थे कि जो जहां है, वहीं पर रुके। तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर मुंबई के श्रमिकों को जाने के लिए मुफ्त टिकट दिया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया।(भाषा)

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