नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि नोएडा में रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक लिमिटेड के अवैध रूप से बनाए गए दो 40 मंजिला टॉवरों को गिराने का काम 2 सप्ताह में शुरू हो और 72 घंटे यानी 3 दिनों के भीतर सभी संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाएं।
खबरों के अनुसार, ये इमारतें सुपरटेक कंपनी के एमेराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में बनी हैं। अदालत ने नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को आदेश दिया है कि वह 72 घंटे यानी 3 दिनों के भीतर सभी संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाएं। इस बैठक में इमारतों को गिराने का शेड्यूल तय करें।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की पीठ ने कहा, नोएडा अथॉरिटी के सीईओ इस अदालत के निर्देशों का पालन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे, इस आदेश के 2 सप्ताह के बाद टॉवर को गिराने का काम शुरू होगा।
17 जनवरी को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सुपरटेक लिमिटेड को नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना के दो 40 मंजिला टॉवर को ध्वस्त करने के लिए एक कंपनी के साथ एक सप्ताह के भीतर अनुबंध करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने 4 फरवरी को एक सुनवाई में सुपरटेक को निर्देश दिया कि वह इस परियोजना के दोनों टॉवर के घर खरीदारों को तय राशि 28 फरवरी तक लौटा दे।