पश्चिम बंगाल के बेलडंगा में बाबरी मस्जिद को लेकर बवाल, सैकड़ों लोग ईंटें लेकर रवाना
तृणमूल के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर की चेतावनी, क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका
Foundation stone for construction of Babri Masjid laid in Beldanga: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले का बेलडंगा क्षेत्र शनिवार को हाई वोल्टेज राजनीतिक और सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने आज बाबरी मस्जिद विध्वंस (अयोध्या का विवादित ढांचा) की 33वीं वर्षगांठ के दिन अयोध्या की मूल बाबरी मस्जिद की हूबहू प्रतिकृति के रूप में एक नई मस्जिद की नींव रखने का ऐलान किया है। कबीर की अपील पर उनके सैकड़ों समर्थक अपने सिर पर ईंटें लादकर आयोजन स्थल की ओर रवाना हो गए हैं।
इस घोषणा ने न सिर्फ राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने के लिए मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया पर #BabriMasjid जैसे हैशटैग टॉप ट्रेंड कर रहे हैं, जहां समर्थक इस कार्यक्रम को न्याय की मांग बता रहे हैं। दूसरी ओर, स्थानीय प्रशासन ने विवादित स्थल के पास बैरिकेडिंग कर दी है और बड़ी संख्या में राज्य पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया है।
क्या है प्रशासन का रुख : सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने विधायक हुमायूं कबीर को सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका का हवाला देते हुए कार्यक्रम को तुरंत रोकने या फिर सीमित करने के लिए कहा है। हालांकि, विधायक कबीर अपनी जमीन पर नींव रखने के अपने अधिकार पर अड़े हुए हैं। विधायक के दावों के अनुसार, यदि करीब तीन लाख लोग इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो राष्ट्रीय राजमार्ग-12 (NH-12) पूरी तरह से अवरुद्ध हो सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर यातायात संकट उत्पन्न हो सकता है।
भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने का दावा है कि यह मस्जिद 20 बीघा ज़मीन पर बनेगी और इसकी अनुमानित लागत ₹125 करोड़ होगी। उन्होंने कहा कि निर्माण तीन साल में पूरा हो जाएगा। कबीर ने टीएमसी नेतृत्व पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि मैं अपनी जान की परवाह नहीं करता। बाबरी मस्जिद हमारे ट्रस्ट की जमीन पर बनेगी।
उन्होंने प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रशासन रोकने की कोशिश करेगा, तो रेजिनगर से बहरामपुर तक हाईवे जाम हो जाएगा। निलंबन के बाद, कबीर ने 22 दिसंबर को अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने और 2026 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान भी कर दिया है।
कोर्ट ने नहीं लगाई थी रोक : कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की खंडपीठ ने कार्यक्रम पर किसी भी प्रकार का रोक आदेश जारी करने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में प्रतिबंध लगाने का कोई आधार नहीं मिला है। याचिकाकर्ता ने इस आधार पर कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। हालांकि हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकार की है। कोर्ट ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि विधायक हुमायूं कबीर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से किसी भी प्रकार की अशांति न फैले। कबीर ने हाई कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे 'संविधान की जीत' और याचिकाकर्ताओं को उचित जवाब बताया।
टीएमसी ने पल्ला झाड़ा : तृणमूल कांग्रेस ने इस आयोजन से पूरी तरह किनारा कर लिया है और इसे विधायक हुमायूं कबीर का व्यक्तिगत और राजनीतिक कदम बताया है। टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने स्पष्ट किया है कि पार्टी का इस कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। टीएमसी के प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि राज्य सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रशासन कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेगा।
क्या कहा भाजपा ने : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि इस तरह के उकसाने वाले कार्यक्रम राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की एक साजिश है और यह वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि हुमायूं कबीर टीएमसी के विधायक (निलंबित) हैं, इसलिए टीएमसी सरकार की मौन सहमति से ही यह आयोजन संभव हो पाया है, भले ही वे सार्वजनिक रूप से दूरी बना रहे हों। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसे समय में इस तरह के अनावश्यक और विवादित कार्यक्रम आयोजित करने से बचना चाहिए जब राज्य में पहले से ही राजनीतिक तनाव है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala